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स्कूल में वाट्सएप चलाया तो शिक्षक पर कार्रवाई

प्रदेशस्तर पर ई-अटेंडेंस प्रणाली 25 सितंबर से लागू हो चुकी है। इसका मतलब है कि हर शिक्षक के हाथ में मोबाइल होगा, वह भी एंड्रॉइड। ऐसे में भला शिक्षक फेसबुक और वाट्सएप से कैसे बच सकते हैं।
यही कारण है कि शिक्षा विभाग ने एक विशेष मॉनीटरिंग सॉफ्टवेयर तैयार करवाया है, जिससे स्कूल के समय में ऑनलाइन रहने वाले मोबाइल नंबरों वाले शिक्षकों की रेंडम जांच की जाएगी।

इस समय शिक्षक हों या आम इंसान, मोबाइल और सोशल साइट्स के आकर्षण से बच नहीं पा रहे हैं। शासन की ई-अटेंडेंस योजना ने उन शिक्षकों को भी मोबाइल रखने के लिए बाध्य कर दिया है, जो अभी तक इस चलित दूरभाष प्रणाली से दूर थे। अब जबकि 25 सितंबर से ई-अटेंडेंस योजना आवश्यक रूप से लागू हो गई है, इसलिए शासन को एंड्रॉइड मोबाइल के दुरुपयोग की भी चिंता है और शासन को लग रहा है कि इससे शिक्षक बच्चों को पढ़ाएंगे कम बल्कि मोबाइल पर अधिक समय व्यतीत करेंगे। इसलिए लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को चेतावनी जारी की है। कि यदि कोई भी शिक्षक स्कूल समय में सोशल साइड्स पर ऑनलाइन मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षा विभाग ने पहले ही कराया था गोपनीय सर्वे

जानकारों का कहना है कि शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों एक गुप्त सर्वे मॉनीटरिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से कराया। इससे यह देखा गया कि वर्तमान में जिन भी शिक्षकों के पास आधुनिक मोबाइल हैं, वे स्कूल समय में सोशल साइट्स का उपयोग करते हैं या नहीं। तो चौंकाने वाले आंकड़े आए और अधिकांश उस समय ऑनलाइन नजर आए, जिस समय उन्हें पढ़ाई करानी चाहिए थी।

शिक्षकों के ग्रुपों पर भी नजर

वाट्सएप पर शिक्षकों के कई ग्रुप बने हुए हैं और उन पर घंटों बहस होती है, साथ ही सूचनाओं और बधाइयों का भी आदान-प्रदान होता है। अब शासन खुद नजर रखेगा, तब ऐसे ग्रुप और उनके एडमिन डरे हुए हैं। बताया जाता है कि कई ग्रुप जल्द बंद होने वाले हैं। प्रदेश भर के जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए आदेश में इस बात का उल्लेख किया गया ह कि पढ़ाई के समय में ऑनलाइन नजर आने वाले शिक्षकों के इंक्रीमेंट तो रोके ही जाएंगे, साथ ही उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।

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