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डेप्यूटी की वापसी और रोकने पर भिड़े IAS

शासनिक संवाददाता, भोपाल : स्कूल शिक्षा विभाग के अन्तर्गत अनुषांगिक कार्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को वापस बुलाने को लेकर तीन आईएएस उलझ गए हैं।
मामला सामने आया है कि मंत्रालय में पदस्थ वर्ष 2013 बैच की आईएएस और उप सचिव रजनी सिंह द्वारा जारी आदेश को संचालनालय के आयुक्त और राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक ने तोड़-मरोड़कर जारी किए हैं। दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग ने 30 मई को आदेश जारी किया कि स्कूल शिक्षा विभाग के नियंत्रण वाले निगम व मंडल में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अफसरों और कर्मचारियों को छोड़कर अन्य विभागों में पदस्थ अफसरों की प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने पर उन्हें तत्काल मूल विभाग में भेजा जाये। इसके लिये विभाग ने 24 घंटे का समय दिया था। इस आदेश के पलट आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग के अन्तर्गत कार्यालय तथा उसके अनुशांगिक कार्यालयों जैसे कि मप्र पाठ्यपुस्तक निगम, राज्य शिक्षा केंद्र, जिला शिक्षा केंद्र, राष्टÑीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, माध्यमिक शिक्षा मंडल, राज्य ओपन स्कूल आदि कार्यालयों में पदस्थ ऐसे शिक्षक संवर्ग के कार्यरत कर्मचारियों को भारमुक्त न किया जाये। आदेश में यह भी कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग को छोड़कर शेष विभागों में कार्यरत ऐसे अधिकारी व कर्मचारी जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त की गई है, को जिस कार्यालय में भेजा गया, उस मूल संस्था अथवा कार्यालय में अपनी उपस्थिति देने पर ही वेतन दिया जाये।
संचालनालय ने अटैचमेंट में पदस्थ कर्मचारी और अफसरों को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया।

अब यह जारी हुआ आदेश
राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक लोकेश कुमार जाटव ने शुक्रवार को एक नया आदेश जारी किया। उन्होंने कहा है कि जिला शिक्षा केन्द्र एवं उसके अधीनस्थ कार्यालयों में पदस्थ शिक्षक संवर्ग को भारमुक्त अथवा कार्यमुक्त नहीं किया जाये। इसके चलते कर्मचारियों और अधिकारियों में भ्रम की स्थिति बन गई है कि वे शासन का आदेश माने या संचालनालय का।

स्कूल शिक्षा विभाग की नई ट्रांसफर पालिसी में राज्यमंत्री के पावर कट
प्रसं, भोपाल।
लंबे इंतजार के बाद जारी हुई स्कूल शिक्षा विभाग की नई तबादला पॉलिसी में विभाग के राज्यमंत्री के पावरों पर कैंची चल गई है। एक संभाग के जिलों के भीतर होने वाले तबादलों की फाइल अब राज्यमंत्री के पास अनुमोदन के लिए नहीं आएगी। कल जारी तबादला नीति में कहा गया है कि अतिशेष शैक्षणिक अमला, हाईस्कूल में पदस्थ उच्च श्रेणी शिक्षक, प्रयोगशाला सहायक, व्यायाम शिक्षक के अलावा गायन-वादन शिक्षकों और ग्रंथपालों के संभाग के भीतर स्थानांतरण संभागीय संयुक्त संचालक के द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण के माध्यम से प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त होने के बाद संभाग के भीतर किए जा सकेंगे। नई नीति में राज्यमंत्री के पास संभाग के बाहर होने वाले तृतीय वर्ग के शिक्षकों के तबादले के प्रस्ताव ही अनुमोदन के लिए भेजे जाएंगे। व्याख्याता से लेकर अन्य उच्च पदोें के तबादले पूर्व की भांति कैबिनेट मंत्री के अनुमोदन से ही होंगे।
नीति में यह खास
- 18 जुलाई तक हो सकेंगे तबादले।
- जिन शिक्षकों को शिकायतों के चलते हटाया गया है उनके तबादले उसी स्थान पर फिर से नहीं किए जा सकेंगे।
- तीन साल से जेडी और डीईओ आफिस में जमे बाबूओं का हटाया जाएगा।
- हर ट्रांसफर आदेश पब्लिक डोमेन में डाला जाएगा। 

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