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8 माह से 92 सहायक अध्यापक मना रहे छुट्टियां, प्रशासन बेखबर

टीकमगढ़। 8 माह पूर्व सितम्बर 2016 में प्रशासन ने जिले की एक ही परिसर में लग रही और कम छात्र संख्या वाली प्राथमिक शालाओं को बंद कर दिया था। लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा इन बंद शालाओं की पोर्टल में जानकारी फीड न करने के कारण इनमें पदस्थ 92 सहायक अध्यापकों की आज तक किसी अन्य शाला में पोस्टिंग नही हो सकी है।
इससे यह शिक्षक पिछले 8 माह से बिना काम के वेतन प्राप्त कर रहे है। लेकिन शिक्षा विभाग के साथ ही प्रशासन का इस पर कोई ध्यान नही है।

स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय एवं आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के आदेश पर कलेक्टर प्रियंका दास ने 19 सितम्बर 2016 को आदेश जारी कर जिले में एक ही परिसर मेें लग रही एवं कम छात्र संख्या वाली 70 शालाओं को बंद कर दिया था। इन शालाओं में संविदा शिक्षक, सहायक अध्यापक एवं अन्य कर्मचारी मिलाकर 180 का स्टॉफ पदस्थ था। यह शालाएं बंद होने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा संविदा शिक्षक एवं अन्य स्टॉफ की कांउसिलंग कराकर उनका जिले की दूसरी शालाओं में युक्तियुक्तिकरण कर दिया गया है, जबकि इन शालाओं में पदस्थ 92 सहायक अध्यापक आज तक किसी दूसरी शाला में पदस्थ नही किया गया है।

पोर्टल में दर्ज नही की जानकारी: पिछले 8 माह से इन शिक्षकों का दूसरी संस्था में पदांकन न होने कारण बंद शालाओं की जानकारी पोर्टल में दर्ज न करना बताया जा रहा है। विदित हो कि यह शालाएं बंद होने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा इनकी जानकारी पोर्टल में दर्ज नही की गई। इससे यह संस्थाएं विभाग के पोर्टल में कार्यशील बनी रही और इन सहायक अध्यापकों को युक्तियुक्तिकरण की सूची में शामिल नही किया गया। इस लापरवाही के लिए अब विभाग जबाव देने से कतरा रहा है।
जानबूझ कर की गई लापरवाही: पिछले 8 माह से बंद शालाओं को पोर्टल में दर्ज न कराने का कारण जानबूझ कर की गई लापरवाही बताया जा रहा है। सूत्रों की माने तो बंद होने वाली प्राथमिक शालाओं में अधिकांश सहायक अध्यापक किसी न किसी राजनैतिक घराने, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के परिवारों या अन्य किसी रसूखदार से संबंधित है। इस कारण इनको बचाने के लिए यह किया गया है। लेकिन शिक्षा विभाग इस संबंध में मौन साधे हुए है।

दिए गए ज्ञापन: विदित हो कि बंद हो चुकी इन शालाओं के सहायक अध्यापकों को नवीन शालाओं में भेजने के लिए अध्यापक संघर्ष समिति के साथ ही अन्य दूसरे संगठनों द्वारा भी कई बार प्रशासन और शिक्षा विभाग को ज्ञापन दिए गए। लेकिन इसके बाद भी शिक्षा विभाग ने इस पर ध्यान नही दिया कि इन शालाओं की जानकारी पोर्टल में दर्ज की जाए। हाल ही में अध्यापक संघर्ष समिति ने इसके लिए फिर से प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर इन शिक्षकों के पदांकन की मांग की है।
यहां शिक्षकों को तरसते स्कूल: एक ओर शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण जहां 92 सहायक अध्यापक पिछले 8 माह से कोई काम नही कर रहे है वहीं जिले की 12 प्राथमिक एवं 65 माध्यमिक शालाएं शिक्षक विहीन बनी हुई है। एक माह पूर्व तक इन शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना के लिए विभाग द्वारा भोपाल स्तर से युक्तियुक्तिकरण कर शिक्षकों की व्यवस्था करने की बात कहीं जा रही थी। वहीं इन 92 शिक्षकों का आज तक युक्तियुक्तिकरण नही हो सका है।

कहते है अधिकारी: पोर्टल में जानकारी फीड न होने के कारण यह लापरवाही हुई है। इसके लिए कलेक्टर के निर्देशन पर आयुक्त महोदय को इनकी पूरी सूची भेज कर उन्हें युक्तियुक्तिकरण की सूची में शामिल कराया गया है। युक्तियुक्तिकरण की अगली प्रक्रिया में इन शिक्षकों को शालाओं में पदस्थ कर दिया जाएगा।- बीएल लुहारिया, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी।




बंद शालाओं के 92 शिक्षकों के पदांकन में विभाग लगातार लापरवाही कर रहा है। इसके लिए संघ द्वारा लगातार ज्ञापन दिए जाने के बाद भी कार्रवाई नही की जा रही है। नवीन शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पूर्व तक यदि इनकी पदस्थापना नही की जाती है तो संघ आंदोलन करेंगा।- मधुकर उपाध्याय, जिलाध्यक्ष, अध्यापक संघर्ष समिति।

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