जरुरतमंद स्कूलों में शिक्षिकों काे भेजने के लिए चल रही युक्तियुक्तकरण की
प्रक्रिया के तहत मिडिल स्कूल के लिए जारी अतिशेष शिक्षिकों की सूची में
जिले में 734 शिक्षिकों के नाम हैं।
इनमें करीब 12 चपरासियों के नाम भी जाेड़ दिए गए हैं। उधर दावे-आपत्तियों के लिए पूर्व निर्धारित तारीख के तहत सोमवार को अंतिम दिन था, लेकिन पोर्टल नहीं खुलने के कारण अतिशेष शिक्षक दावे-आपत्तियां लगाने परेशान होते रहे।
इधर डीईओ संतोष शर्मा ने बताया कि प्यून की सूची में नाम एकजाई जानकारी व उनकी सेवा पुस्तिका के कारण जुड़ गए हैं। यह अतिशेष नहीं माने जाएंगे। उनके नाम दावे-अापत्तियों में सूची से अलग कर दिया जाएंगे। जिले के 938 मिडिल स्कूलों में करीब 2500 शिक्षक हैं। इनमें से 700 से अधिक के नाम अतिशेष की सूची में आ गए हैं। इन सबको दूसरे स्कूलों में भेजेंगे तो कई स्कूलों की व्यवस्थाएं ही बिगड़ जाएंगी। ऐसे में वे ही अतिशेष शिक्षक दूसरे स्कूलों में भेजे जाएंगे, जो स्कूल में दर्ज छात्र संख्या के हिसाब से अतिशेष हैं। विषय मान से अतिशेष नहीं माने जाएंगे।
Ãडीईओ ने बताया कि सोमवार को ही विभाग की सचिव दीप्ति गौड़ ने वीसी में निर्देश दिए हैं कि पोर्टल न खुलने के कारण दावे आपत्तियां नहीं लगाई जा सकीं, लिहाजा 4-5 दिन का समय और दिया जाएगा। इस दौरान सभी अपनी अापत्तियां लगा सकेंगे और उनका निराकरण किया जाएगा।
इनमें करीब 12 चपरासियों के नाम भी जाेड़ दिए गए हैं। उधर दावे-आपत्तियों के लिए पूर्व निर्धारित तारीख के तहत सोमवार को अंतिम दिन था, लेकिन पोर्टल नहीं खुलने के कारण अतिशेष शिक्षक दावे-आपत्तियां लगाने परेशान होते रहे।
इधर डीईओ संतोष शर्मा ने बताया कि प्यून की सूची में नाम एकजाई जानकारी व उनकी सेवा पुस्तिका के कारण जुड़ गए हैं। यह अतिशेष नहीं माने जाएंगे। उनके नाम दावे-अापत्तियों में सूची से अलग कर दिया जाएंगे। जिले के 938 मिडिल स्कूलों में करीब 2500 शिक्षक हैं। इनमें से 700 से अधिक के नाम अतिशेष की सूची में आ गए हैं। इन सबको दूसरे स्कूलों में भेजेंगे तो कई स्कूलों की व्यवस्थाएं ही बिगड़ जाएंगी। ऐसे में वे ही अतिशेष शिक्षक दूसरे स्कूलों में भेजे जाएंगे, जो स्कूल में दर्ज छात्र संख्या के हिसाब से अतिशेष हैं। विषय मान से अतिशेष नहीं माने जाएंगे।
Ãडीईओ ने बताया कि सोमवार को ही विभाग की सचिव दीप्ति गौड़ ने वीसी में निर्देश दिए हैं कि पोर्टल न खुलने के कारण दावे आपत्तियां नहीं लगाई जा सकीं, लिहाजा 4-5 दिन का समय और दिया जाएगा। इस दौरान सभी अपनी अापत्तियां लगा सकेंगे और उनका निराकरण किया जाएगा।