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सत्र शुरू होने से पहले ही तय होगा कैसे होगी पढ़ाई

भास्कर संवाददाता | बुरहानपुर अब स्कूलों में पूरी प्लानिंग से पढ़ाई होगी। एक साल की प्लानिंग तय कर ली गई है। इसमें शिक्षक कब कौनसा विषय कितने समय में पढ़ाएंगे यह सब नया शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले ही तय हो गया है। अगले शिक्षा सत्र से प्लान लोगू होगा, जो शिक्षकों ने बनाकर भेजा है।
उसी अनुसार पढ़ाई कराना होगी। इसकी भोपाल से मॉनीटरिंग होगी। इससे यह फायदा होगा कि स्कूलों में समय पर सिलेबस पूरे हो सकेंगे। परीक्षाएं शुरू होने से पहले विद्यार्थियों की तैयारी होगी।

जिले के 168 स्कूलों को प्री-प्लानिंग के लिए चुना है। इसमें से 165 स्कूलों ने प्लानिंग बनाकर पोर्टल पर अपलोड कर दी है। अब तीन स्कूल बचे है। जिले में 21 जनशिक्षा केंद्र है। हर जनशिक्षा केंद्र से 4 प्राथमिक और 4 माध्यमिक स्कूलों को चुना गया है। राज्य शिक्षा केंद्र ने प्लानिंग करने के निर्देश दिए हैं। भोपाल में बैठे अफसर शिक्षकों द्वारा दी गई प्लानिंग पर नजर रखेंगे। अपडेट मांगेंगे। स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए करीब 6 महीने शाला सिद्धि कार्यक्रम शुरू किया गया था। इसमें अब प्लानिंग को भी शामिल कर लिया गया है। 3 महीने में 500 शिक्षकों ने जनशिक्षक के मार्गदर्शन में बैठकर प्लानिंग तैयार की है। सभी ने अपनी सुविधा के अनुसार प्लानिंग बनाकर भेजी है।

फरमान

शिक्षकों, विद्यार्थियों में आएगा बदलाव

स्कूलों में तय प्लानिंग के अनुसार काम होने से शिक्षकों और विद्यार्थियों में बदलाव आएगा। समय पर पढ़ाई होगी। इससे गुणवत्ता सुधरेगी। -अशोक शर्मा, डीपीसी बुरहानपुर

शौचालयों की मरम्मत करें 20 मार्च तक

प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में शौचालय जर्जर पड़े हैं। शौचालयों की मरम्मत करवाने के लिए हेड मास्टरों को निर्देश दिए गए हैं। 20 मार्च तक मरम्मत पूरी कराना होगी। इसमें पानी की व्यवस्था करना होगी। दिए निर्देशों को पूरा नहीं करने पर निलंबन की कार्रवाई होगी। स्कूलों में शौचालय जर्जर होने से विद्यार्थियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालयों की मरम्मत करवाई जा रही है।

यह जिम्मेदारियां तय

प्लानिंग के साथ शिक्षकों की जिम्मेदारियां तय हो गई है। प्लानिंग में हर शिक्षक का नाम और उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों को लिखा गया है। कमजोर विद्यार्थियों के लिए क्या योजना है, उन्हें कैसे और कितने समय में तैयार करेंगे। कठिन विषयों को सरल तरीके से पढ़ाने की योजना, कौनसा विषय कितने महीने में पूरा होगा। इसके बाद परीक्षा के लिए कितने दिन अतिरिक्त पढ़ाई होगी सहित अन्य जिम्मेदारियां तय की गई है। अब तक स्कूलों में शिक्षक मनमर्जी से पढ़ाई करवा रहे थे। बिना प्लानिंग के शिक्षा सत्र का संचालन हो रहा था। जिला स्तर पर अफसर स्कूलों में जाकर प्लानिंग की मॉनीटरिंग करेंगे। अगले शिक्षा सत्र से जिलेभर के स्कूलों में यह योजना लागू की जाएगी। जिले में कुल 719 प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल हैं। 

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