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स्कूल खुल गए, पढ़ाई शुरू हो गई, कैसे लागू होंगी एनसीईआरटी की किताबें

निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के दावे खोखले
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों और पालक-शिक्षक संघ की बैठक खानापूर्ति मात्र
28 फरवरी से स्कूलों की शुरू हो गई थी किताबों की बिक्री, बैठक हुई 10 मार्च को

भोपाल। नवदुनिया प्रतिनिधि
राजधानी में स्कूलों में नया सत्र शुरू हो गया है, लेकिन इस बार भी सरकार के एनसीईआरटी की किताबें लागू करवाने के दावे खोखले ही साबित हुए। निजी स्कूलों में निजी प्रकाशकों की महंगी किताबों से ही पढ़ाई होगी। अधिकतर स्कूलों का पहली से सातवीं तक का कोर्स ही तीन से पांच हजार के बीच है। भेल शिक्षा मंडल के जवाहरलाल नेहरू स्कूल में जरूर इस साल से एनसीईआरटी की किताबें लागू हो रही हैं। गौरतलब है कि एनसीईआरटी की किताबें निजी प्रकाशकों से आधे से भी कम कीमत में मिल जाती हैं।
शहर के ज्यादातर स्कूलों की प्रायमरी और मिडिल विंग 15 मार्च से खुल जाएगी। सेंट जोसफ कोएड सहित कई स्कूल 8 मार्च से ही शुरू हो गए हैं। सेंट जेवियर, सागर पब्लिक स्कूल सहित कई अन्य स्कूल बुधवार से खुल जाएंगे। इस कारण अभिभावकों ने बच्चों के लिए महंगा कोर्स पहले ही खरीद लिया है। स्कूलों में पढ़ाई शुरू होने के बाद अब अभिभावक ऐसी स्थिति में नहीं है कि इन किताबों को लौटाएं। ऐसे में अब सरकार या जिला प्रशासन का कोई भी प्रयास किस काम का। हाल ही में कलेक्ट्रेट में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों और पालक-शिक्षक संघ की बैठक हुई थी। जबकि यह बैठक जनवरी या फरवरी में होनी चाहिए थी। अभिभावकों का कहना है कि इस तरह की बैठक दिखावा मात्र है। स्कूलों पर हर बार की तरह इस बार भी कोई कार्रवाई नहीं होने वाली।
ढाई हजार से ज्यादा का अंतर
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रायमरी कक्षाओं का कोर्स जो बुक एन बुक्स पर चार हजार में उपलब्ध है, वही एनसीईआरटी में हजार-1200 में मिल जाता है। स्कूलों को प्रकाशकों की ओर से मिलने वाले 40 फीसदी कमीशन के कारण अभिभावकों को इतना महंगा कोर्स खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है। यही वजह है कि एमपी नगर स्थित बुक्स एन बुक्स, प्रियंका बुक डिपो, स्नेह बुक डिपो आदि चुनिंदा दुकानों पर ही ज्यादातर स्कूलों की किताबें मिल रही हैं। हाल में जिला प्रशासन ने बुक्स एन बुक्स पर छापा भी मारा था लेकिन कुछ नहीं हुआ।
शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई करेंगे
शहर के बड़े स्कूलों ने अपनी किताबों की लिस्ट हमें दे दी है। अभी तो यह देख रहे हैं कि यह सीबीएसई की गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं या नहीं। स्कूल शुरू हो गए हैं यह सही है, लेकिन अगर फिर भी अभिभावकों की ओर से शिकायत मिलती है तो हम स्कूल के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे।
- धर्मेंद्र शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी
कोर्स का बहिष्कार करें
अभिभावकों को अभी स्कूल के हिसाब से किताबें नहीं खरीदनी चाहिए। इसका बहिष्कार करना चाहिए। हमने सरकार से मांग की है कि निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें सख्ती से लागू करवाई जाएं। अगर सरकार ने इस दिशा में कदम नहीं उठाया तो हम सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
नितिन गुप्ता, जागो अभिभावक जागो संगठन 

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