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शिक्षा विभाग को फील्ड का काम करने नहीं मिल रहे शिक्षक

स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए विभाग को मैदानी अमला नहीं मिल पा रहा है। बीएसी (ब्लॉक अकादमिक कोआर्डिनेटर) और सीएसी (क्लस्टर अकादमिक कोआर्डिनेटर : जनशिक्षक) के खाली 131 पदों को भरने के लिए अब तक दो काउंसलिंग हो चुकी हैं, लेकिन अब भी आधे से ज्यादा पद खाली पड़े हैं।
नए शिक्षक फील्ड में काम करना नहीं चाहते और जो पुराने हैं वे राज्य शिक्षा केंद्र की सख्त शर्तों के चलते पात्रता के दायरे में नहीं आ रहे। वर्तमान में बीएसी के 25 पद हैं, जिनमें से 9 रिक्त हैं। जबकि सीएसी के 106 में से 50 से ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं। यह स्थिति तब है, जबकि दो बार काउंसलिंग हुई है। हालांकि इन पदों के साथ अफसरी का रुतबा जुड़ा हुआ है, लेकिन साथ ही इतनी जवाबदेही भी हैं कि कई स्कूलों से जुड़े अमले की जरा सी चूक का खामियाजा भी बीएससी और सीएसी को भुगतना पड़ता है। इसके अलावा इसमें भाग दौड़, कागजी खानापूर्ति आदि का काम भी बहुत है। यही वजह है कि ज्यादातर नए शिक्षक इससे कतरा रहे है।

आखिरी काउंसिलिंग 15 फरवरी को

इन पदों को भरने के लिए विभाग अंतिम काउंसलिंग की तैयारी कर रहा है। इन पदों के लिए 15 फरवरी तक आवेदन किया जा सकता है। जनपद स्तर पर मिलने वाले इन आवेदनों को कंपाइल करके 17 फरवरी तक जिला शिक्षा केंद्र पर भेजे लाएंगे। हालांकि अंतिम काउंसलिंग तारीख अब तक तय नहीं हो पाई है।

40 में से एक ही महिला शिक्षक ने दी थी सहमति

पिछली काउंसलिंग के दौरान 128 पदों के लिए कुल 80 लोग पहुंचे थे। इनमें से 40 महिला शिक्षक थीं, लेकिन उनमें से सिर्फ एक ही यह जिम्मेदारी उठाने के लिए सहमति दे पाई। इस दौरान दो पूर्व बीएसी ने भी आवेदन प्रस्तुत किया था। लेकिन नई शर्तों की वजह उन्हें अमान्य कर दिया गया।

यह हैं शर्तें

यूडीटी या अध्यापक ही आवेदन कर सकते हैं

1 जनवरी 2015 को आयु 49 साल से अधिक न हो

आवेदक के खिलाफ कोई जांच लंबित न हो

प्रतिनियुक्ति की अवधि चार साल रहेगी।

पूर्व में बीएसी या सीएसी न रहे हों। 

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