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योग्य शिक्षकों के बगैर बेहतर शोध नहीं, मानदेय बढ़े और भर्ती भी की जाए

ग्वालियर. शोध कार्यों और पढ़ाई की गुणवत्ता के लिए योग्य शिक्षकों की जरूरत है। इसके लिए शिक्षकों के खाली पद भरे जाएं और गेस्ट फैकल्टी का मानदेय बढ़ाया जाए। जीवाजी यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में शनिवार को आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) की बैठक में सदस्यों ने यह बात कही। जेयू के चरक उद्यान में आयुर्वेद का शोध केन्द्र खोलने का भी निर्णय लिया गया।

सदस्यों का कहना था कि जेयू को 'ए' ग्रेड मिला है। यह काफी मायने रखता है, लेकिन जिम्मेदारी अब पढ़ाई का स्तर और शोध कार्यों की गुणवत्ता में सुधार की है। यह तभी होगा जब योग्य शिक्षक होंगे। जेयू में आधा सैकड़ा से ज्यादा सिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। उन्हें भरने की कार्रवाई की जाना चाहिए। अतिथि शिक्षकों का मानदेय 25 हजार प्रतिमाह करने का निर्णय कार्यपरिषद ले चुकी हैं, लेकिन शासन ने अभी सहमति नहीं दी है। इसलिए इसका प्रयास भी तेज किया जाना चाहिए।
अध्यापन कार्य के लिए यूजीसी से 50 लाख रुपए विशेष अनुदान मिला है। इस राशि से जेयू 33 विभागों में मानदेय के आधार पर 1-1 शिक्षक की भर्ती कर रहा है। प्रत्येक शिक्षक को 25 हजार दिए जाएंगे, लेकिन यह नियुक्ति केवल मार्च तक के लिए है। इसलिए शिक्षकों ने कहा कि मार्च से पहले ही गेस्ट फैकल्टी की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर देना चाहिए, जिससे कक्षाएं नियमित रूप से संचालित होती रहें। स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों में शिक्षकों की ज्यादा कमी है, इसलिए गेस्ट फैकल्टी की भर्ती प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाना चाहिए। स्किल डवलपमेंट के लिए रोजगारपरक सर्टिफिकेट कोर्स खोलने का भी सुझाव दिया। कुलपति ने सभी मुद्दों पर सहमति देते हुए जल्द कार्रवाई की बात कही। शिक्षकों ने कहा कि जेयू के यूसिक डिपार्टमेंट की देखरेख में यह कोर्स शुरू किए जा सकते हैं। इससे छात्र रोजगार के लिए तैयार हो सकेंगे। सरकार भी इस दिशा में कदम बढ़ाने पर जोर दे रही है। बैठक में रेक्टर प्रो. आरजे राव, जेएन गौतम, एसके सिंह, एसके द्विवेदी, एसके गुप्ता, जीवीकेएस प्रसाद व प्रो.आरके तिवारी शामिल थे।

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