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7 महीने से 300 संविदा शिक्षकों के संविलियन के प्रकरण उलझे

रिकॉर्ड नहीं मिलने से डीईओ तक नहीं पहुंची 100 से अधिक फाइलें, 27 से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
राजगढ़ । नवदुनिया न्यूज वर्ष 2014 में भर्ती हुए संविदा शिक्षकों की परीवीक्षा अवधि 2106 में पूर्ण होने के बाद भी 7 महीने से उनका संविलियन नहीं हो पाया है। आदेश जारी होने और संविदा अवधि पूरी होने के बाद भी शला शिक्षक अपने संविलियन को लेकर परेशान हैं।
जिला शिक्षा कार्यालय और जिला पंचायत कार्यालय के बीच संविलियन की करीब 300 फाइलें अटकी हुई हैं। वहीं 100 के लगभग फाइलें ऐसी हैं, जो डीईओ कार्यालय तक नहीं पहुंच सकी हैं, जो संविदा शाला शिक्षक 2014 में भर्ती हुए थे उनकी संविदा अवधि जुलाई माह में पूर्ण हो चुकी है। शासन द्वारा आदेश जारी हुए थे कि संविदा अवधि पूर्ण होने के 15 दिनों के भीतर शिक्षकों के संविलियन किए जाना है। लेकिन विभागों द्वारा 7 माह का समय लेने के बाद भी संविलियन की फाइलों को अटकाया हुआ है। करीब एक दर्जन बार शिक्षक अपनी मांग ज्ञापन के माध्यम से रख चुके है। स्वयं कलेक्टर भी बैठकों में संविलियन प्रकरण जल्द निपटाने के निर्देश दे चुके है। लेकिन अब तक कोई निराकरण नहीं हुआ है। जानकारी के अनुसार बीते दिनों संविदा शिक्षकों ने जिला पंचायत के सामने धरना दिया था। यहां जिला शिक्षाधिकारी का घेराव करने के बाद भी डीईओ एसके मिश्रा ने शिक्षकों से 26 जनवरी तक सभी प्रकरण पूरे करने का आश्वासन दिया था, लेकिन मामले में अब तक फाइलों का निराकरण नहीं हुआ है।

27 से जिले में अनिश्चितकालीन हड़ताल

इधर संविदा शिक्षकों ने अब अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है। 25 जनवरी तक प्रकरण पूर्ण नहीं हुए तो 27 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। मामले में आम अध्यापक संगठन के अध्यक्ष भगवान सिंह गुर्जर ने बताया कि डीईओ एसके मिश्रा द्वारा हमें 26 जनवरी तक का आश्वासन दिया गया था। इसके पूर्व 3 दिसंबर को तत्कालीन जिपं सीईओ अमिताभ सरवैया ने 17 दिसंबर तक सभी प्रकरण निपटाने का आश्वासन दिया था, जो कि पूरा नहीं हुआ। डीईओ कार्यालय ने लंबे समय से जिपं कार्यालय में प्रकरण नहीं भेजे। हमने कलेक्टर से लेकर प्रभारी मंत्री तक को शिकायतें की है। जो काम जुलाई माह में होना था उसमें 7 माह का समय लगा दिया गया है। यदि 25 जनवरी तक सभी प्रकारणों का सकारण निराकरण नहीं होता है तो 27 जनवरी से हम जिपं के सामने टेन्ट लगाकर अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठ जाएंगे।

जनपदों, बीईओ कार्यालय में रिकॉर्ड गायब

इधर करीब 100 प्रकरण ऐसे हैं, जिनकी जानकारी डीईओ कार्यालय तक नहीं पहुंची है। इसके चलते वे 100 के लगभग प्रकरण डीईओ कार्यालय से जिला पंचायत तक नहीं भेजे जा रहे हैं। इन शिक्षकों के प्रकरणों में रिकॉर्ड गायब हैं। जनपदों में ये रिकॉर्ड रखा गया था। इसमें परीवीक्षा अवधि, पुलिस वेरफिकेशन, नियुक्ति दिनांक, अनापत्तियां, प्रमाणीकरण जैसी जानकारियां दर्ज है। संविदा शिक्षकों के मामले में कई जानकारियां बीईओ कार्यालय से भेजी जानी है। उनमें पुलिस वेरिफिकेशन सबसे प्रमुख है। कई शिक्षकों ने पुलिस वेरिफिकेशन जमा करा दिया है बावजूद इसके उनके प्रकरणों को डीईओ कार्यालय तक नहीं भेजा जा रहा है।

डीईओ बोलेः दस्तावेज अधूरे हैं

जिला शिक्षाधिकारी एसके मिश्रा ने कहा कि हमारे पास जो जानकारियां जनपदों और बीईओ कार्यालयों से पहुंच रही है वे अधूरी हैं। कई संविदा शिक्षक ऐसे हैं जो 2014 में भर्ती हुए और जनपदों में उनका रिकॉर्ड पूरा उपलब्ध नहीं है। बहुत सारे बिंदु होते हैं, जिनका सत्यापन होने के बाद भी संविलियन प्रक्रिया पूर्ण होती है। यदि एक भी दस्तावेज कम है और उसका वेरिफिकेशन नहीं हो पाता है तो हम संविलियन की फाइल आगे नहीं भेज सकते। समय जरूर लगा है, लेकिन अब हम शीघ्र उन्हें पूरा करा रहे हैं, जो प्रकरण जिला पंचायत में पहुंच चुके हैं उनके बारे में सीईओ ही आपको बेहतर बता पाएंगे।

जिपं सीईओ बोलेः जानकारी अधूरी

जिला पंचायत सीईओ राजेश जैन ने कहा कि मैं दिसंबर में जिले में आया हूं। मेरे पास जो प्रकरण आए हैं उनकी बारीकी से जांच करते हुए कई का मैंने निराकरण कर दिया है। जैसे-जैसे वेरिफिकेशन होता जा रहा है हम संविलियन करते जा रहे हैं, लेकिन यदि कहीं किसी दस्तावेज में संशय है तो उसे हमने रोका है और संबंधित संविदा शिक्षक को सूचना भेज रहे हैं कि वह अपना संबंधित दस्तावेज अथवा प्रमाणीकरण लाकर जमा करा दें। 

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