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शिक्षकों को निलंबित कर सकेंगे संकुल प्राचार्य

सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अब गलती करना महंगा साबित हो सकता है। जल्द ही सरकारी स्कूलों के प्राचार्य ही अब गलती करने वाले शिक्षकों को निलंबित करने की कार्रवाई कर सकेंगे। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग इनके अधिकार बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।
स्कूल प्राचार्य अभी तक शिक्षकों के खिलाफ सीधे कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षकों के गैर हाजिर रहने या अनुशासनहीनता करने पर उनको जिला शिक्षाधिकारी या संयुक्त संचालक के लिए अनुशंसा करनी पड़ती है, जिसमें काफी वक्त लग जाता है। खास बात यह है कि स्कूलों में आमतौर पर लंबे समय से गैर हाजिर रहने, अनुशासन हीनता करने या फिर समय पर स्कूल न पहुंचने वाले शिक्षकों पर निरीक्षण के दौरान ही डीईओ या संभागीय संयुक्त संचालक द्वारा कार्रवाई की जाती है। इसके तहत वेतन काटने, वेतन वृद्धि रोकने और निलंबित करने का प्रावधान है। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ प्राचार्य सीधे कोई कार्रवाई नहीं ले पा रहे हैं। प्राचार्य की अनुशंसा करने पर ऐसे शिक्षकों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इस वजह से लोक शिक्षण आयुक्त ने संस्था प्रमुख और शिक्षकों के दायित्वों का नए सिरे से निर्धारण किए जाने का निर्णय लिया है।

क्षमता बढ़ाने प्राचार्यों को ट्रेनिंग: प्राचार्यों को अपने संकुल और जन शिक्षा केंद्र के अंतर्गत काम करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई के अधिकार मिलने से अब वे शिक्षक और छात्रों को बेहतर ढंग से अनुशासित कर सकेंगे।

अब महीनों में नहीं, तत्काल होगी कार्रवाई

अभी तक संकुल प्राचार्य गड़बड़ी करने वाले शिक्षकों पर सीधे कार्रवाई नहीं कर पाते थे। निरीक्षण में अनियमितता मिलने या शिक्षक के गायब मिलने पर उनका प्रस्ताव तैयार कर बीआरसी के पास भेजा जाता था। यहां से वरिष्ठ कार्यालय होते हुए जिला पंचायत सीईओ के पास पहुंचता था। तब कार्रवाई होती थी। इस प्रक्रिया में महीनों लग जाते थे। अब गलती करने वाले शिक्षकों पर संकुल प्राचार्य सीधे निलंबित करने तक की कार्रवाई कर सकेंगे। 

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