मध्य प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में आगामी शिक्षा सत्र से जहां छात्रों की पोशाक एक जैसी होगी, वहीं शिक्षक एप्रन में नजर आएंगे.
लोक शिक्षण आयुक्त नीरज दुबे ने बताया कि स्कूली शिक्षा मंत्री विजय शाह ने इच्छा जताई है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षक एप्रन पहनें और विभाग इस पर अमल करेगा.
एमपी सरकार का नया फरमान, सरकारी स्कूलों में एप्रन में नजर आएंगे शिक्षक
शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, शिक्षकों का एप्रन ठीक वैसा ही होगा, जैसे चिकित्सकों का होता है. अभी रंग और डिजाइन तय नहीं हुए हैं. शिक्षकों का कोई ड्रेस कोड नहीं होगा. एप्रन का मकसद उनकी पहचान सुनिश्चित करना है. सरकारी स्कूलों में करीब ढाई लाख शिक्षक कार्यरत हैं.
बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने कहा, "प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अगले शिक्षण सत्र से बच्चों की पोशाक में एकरूपता होगी." प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के करीब 50 लाख और नवमी से 12वीं कक्षा तक करीब 38 लाख बच्चे पढ़ते हैं.
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, बैठक में बताया गया कि बच्चों की पोशाक की डिजाइन विशेषज्ञों द्वारा तैयार करवाई गई है. पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों की पोशाक स्वयं सहायता समूह के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी.
लोक शिक्षण आयुक्त नीरज दुबे ने बताया कि स्कूली शिक्षा मंत्री विजय शाह ने इच्छा जताई है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षक एप्रन पहनें और विभाग इस पर अमल करेगा.
एमपी सरकार का नया फरमान, सरकारी स्कूलों में एप्रन में नजर आएंगे शिक्षक
शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, शिक्षकों का एप्रन ठीक वैसा ही होगा, जैसे चिकित्सकों का होता है. अभी रंग और डिजाइन तय नहीं हुए हैं. शिक्षकों का कोई ड्रेस कोड नहीं होगा. एप्रन का मकसद उनकी पहचान सुनिश्चित करना है. सरकारी स्कूलों में करीब ढाई लाख शिक्षक कार्यरत हैं.
बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने कहा, "प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अगले शिक्षण सत्र से बच्चों की पोशाक में एकरूपता होगी." प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के करीब 50 लाख और नवमी से 12वीं कक्षा तक करीब 38 लाख बच्चे पढ़ते हैं.
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, बैठक में बताया गया कि बच्चों की पोशाक की डिजाइन विशेषज्ञों द्वारा तैयार करवाई गई है. पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों की पोशाक स्वयं सहायता समूह के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी.