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बाल विवाह की सूचना 1098 पर या पंचायत को दें: राय

सामुदायिक प्रयास से कई रूढिय़ों और प्रथाओं को रोकने में सफलता अर्जित हुई है। अतः सामाजिक जागरूकता के लिए अभियान अत्यंत महत्वपूर्ण है। बाल विवाह होने की सूचना 1098 अथवा ग्राम पंचायत को अवश्य दें। ताकि समय रहते बाल विवाह रुकवाया जा सके।
छोटी उम्र में विवाह करना बेटियों के लिए घातक होता है। हमें इस प्रथा को खत्म करनी है। यह बात रविवार को लाडो अभियान के तहत ग्राम राजापुर में आयोजित लाडो चौपाल में मुख्य अतिथि रामजी शरण राय ने कही।

लाडो अभियान का आयोजन जिला महिला सशक्तिकरण विभाग के सहयोग एवं डीपीओ बीएल विश्नोई के निर्देश में स्वदेश ग्रामोत्थान समिति द्वारा आयोजित शंकर जी की बगिया में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में अध्यक्षता कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिस्ता राय ने उपस्थित समुदाय से बाल विवाह करने वाले परिवार को परामर्श कर उन्हें जागरूक करने की अपील की ताकि उन्हें बाल विवाह के दुष्परिणाम एवं कानूनी पहलू की जानकारी प्राप्त हो सके और वे स्वयं द्वारा की जाने वाली गलती को रोक सकें।

विशिष्ट अतिथि प्रीति राय आशा कार्यकर्ता ने बाल विवाह के शारीरिक एवं मानसिक दुष्परिणाम को उजागर करते हुए बाल विवाह न करने का आव्हान किया। सहायिका रामा अहिरवार ने शासकीय योजना व कार्यक्रमों के बारे में बताते हुए बालक-बालिकाओं को शिक्षा दिलाने व सही उम्र में शादी कराने की अपील की। चौपाल में उपस्थित ग्रामीण महिला-पुरुषों ने खुलकर अपने विचार रखे। जिन पर आयोजक दल द्वारा अपनी प्रतिक्रिया देकर उनका समाधान करने का प्रयास किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता सीएल महाजन द्वारा बच्चों को शिक्षा दिलाकर उन्हें विवाह जैसी जिम्मेदारी निश्चित आयु उपरांत ही सौंपना चाहिए। ताकि उनको पोषण, स्वास्थ्य व शिक्षा के सभी अवसर प्राप्त हो सके और वे राष्ट्रनिर्माण में अपना योगदान दे सकें। अभियान सदस्य बाल प्रगति संस्था के एसआर चतुर्वेदी ने बाल विवाह अधिनियम, जेंडर व सेक्स के अंतर को स्पष्ट किया। रामकुमार दुबे ने दहेज प्रतिषेध अधिनियम, दतिया जिला एवं ग्राम का लिंगानुपात विश्लेषित कर इसके दुष्परिणाम भी बताए। अतिथि शिक्षक अंशुल भार्गव ने घरेलू हिंसा अधिनियम की जानकारी देते हुए भेदभाव समाप्त करने की बात कही। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिला समन्वयक रामजीशरण राय ने लाडो अभियान का परिचय देते हुए जिले में मातृ मृत्यु दर 181 एवं शिशु मृत्यु दर 74 के वर्तमान परिदृश्य पर चिंता जाहिर करते हुए बाल विवाह रोकने की अपील की। अभियान के अंतर्गत ग्राम ललऊआ, सेरसा, पलाथर, सनौरा आदि ग्रामों में लाडो चौपाल का आयोजन किया गया। 

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