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हर माह संकुल स्तर पर शिक्षकों को दिखाना होगा अपना बेस्ट काम

भास्कर संवाददाता | शाजापुर शाजापुर के शिक्षक सज्जाद कुरैशी सहित 10 सदस्यीय टीम द्वारा तैयार किए गए फार्मूले पर प्रदेश के प्राथमिक और मिडिल स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने की कवायद शुरू की गई है। कोर कमेटी की टीम ने शिक्षक संवाद कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई है।
जिसके तहत माह के अंत में संकुल स्कूल पर शिक्षकों की बैठक होगी। सभी अपने-अपने अनुभव सुनाएंगे और एक दूसरे से लर्निंग एंड शेयरिंग के माध्यम से अपने स्कूल में सुधार करेंगे। तय फार्मूले पर इसी माह से प्रदेशभर में काम शुरू हो जाएगा।

कुरैशी ने बताया कि सरकारी स्कूलों की शिक्षण गुणवत्ता सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी को लेकर अगस्त-सितंबर में प्रदेश के चुनिंदा शिक्षाविदों की कोर कमेटी बनाई गई। जिसमें तीन शिक्षकों सहित डाइट, स्वायत्त संस्था सहित अन्य को शामिल किया गया। काफी मंथन के बाद टीम ने लर्निंग एंड शेयरिंग की तर्ज पर शिक्षक संवाद कार्यक्रम की रूपरेखा तय की। इसके तहत प्रदेशभर के सभी संकुल स्तरों पर प्रत्येक माह शिक्षकों की बैठक होगी। जिसमें प्रत्येक स्कूल के शिक्षक अपना बेस्ट दिखाएंगे। उसमें आने वाली कमी और समस्याओं पर भी मंथन होगा। इस दौरान मौजूद सभी शिक्षक प्रत्येक अच्छे काम की लर्निंग कर अपने स्कूल में भी सुधार कराएंगे। इसके लिए सभी शिक्षकों को एक विशेष डायरी भी बनाना होगी। जिसमें उन्हें अच्छी बातें और सुधार के टिप्स भी नोट करना होंगे।

बैठक में आना और डायरी बनाना अनिवार्य -नई पहल के तहत प्रत्येक माह संकुल स्तर पर होने वाली बैठकों में संबंधित शिक्षकों को उपस्थिति होना अनिवार्य रहेगा। डायरी का सत्यापन कोई भी अधिकारी कर सकते हैं।

हर हाल में शिक्षकों को किताबें पढ़ना होंगी-अमूमन देखा जाता है कि कई सरकारी शिक्षक अपने स्कूल की किताबें नहीं पढ़ते। ऐसे में वे बच्चों के कैसे पढ़ा सकते हैं। नई पहल के तहत अब शिक्षकों को किताबें पढ़ना ही होगी। यदि वे किताबें नहीं पढ़ेंगे तो माह के अंत में होने वाले लर्निंग एंड शेयरिंग में कुछ बोल ही नहीं पाएंगे। शिक्षक संवाद में बताने के बहाने ही सही लेकिन उन्हें किताब पढ़ना पड़ेगी।

सज्जाद कुरैशी।

कोर कमेटी टीम में शामिल शिक्षक व अन्य सदस्य

सज्जाद कुरैशी शाजापुर, शैलेंद्र आचार्य मंदसौर, संजय तिवारी डिंडोरी तीनों शिक्षक सहित संजीव द्विवेदी सतना, राजेश साकोरीकर उज्जैन, अशोक खरे उज्जैन तीनों डाइट, अनीस माधवन अजीम प्रेमजी फाउंडेशन भोपाल, अशोक पारीक नियंत्रक पाठ्य पुस्तक निगम भोपाल, उस्मान खान समन्वयक प्रशिक्षण राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल और डॉ. लोकेश खरे राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल शामिल हैं।

शिक्षकों को अपना बेस्ट काम दिखाने के लिए हर स्कूल के शिक्षण कार्य में भी लगातार सुधार करना पड़ेगा। धरातल स्तर पर स्थानीय परिस्थिति के आधार पर शिक्षक शिक्षण का नया तरीका सीखेंगे। नई पहल से सरकारी स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार होगा। सज्जाद अहमद कुरैशी, राज्य स्तरीय स्रोत समूह सदस्य
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