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सीएम हेल्पलाइन पर शिक्षकों ने फरियाद की तो होगी कार्रवाई

होशंगाबाद। जिले के शिक्षक अब शिक्षा विभाग से संबंधित कोई भी शिकायत सीधे कलेक्टर-कमिश्नर की जनसुनवाई और सीएम हेल्पलाइन पर नहीं कर सकेंगे। यह फरमान हाल ही में जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद चोरगढ़े ने जारी किए हैं। इतना ही नहीं, डीईओ ने यह चेतावनी भी चस्पा करवा दी है
कि शिक्षक जनसुनवाई-सीएम हेल्पलाइन में तो शिकायत कर ही नहीं सकते, वे सीधे जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय भी न आएं। उनकी शिकायतों के लिए अलग से एक अधिकारी नियुक्त किया गया है।
डीईओ के इस आदेश के बाद शिक्षक संगठनों में भारी आक्रोश है। शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि ऐसे फरमान से तो हमारे मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। वहीं, इस आदेश को जायज ठहराते हुए डीईओ का कहना है कि जब विभाग स्तर पर इसके लिए व्यवस्था बनाई है तो वे वरिष्ठ अधिकारियों तक क्यों पहुंच रहे हैं। उनका कहना है कि सीधे जनसुनवाई या 181 पर शिकायत किए जाने को सिविल सेवा आचरण अधिनियम के निमयों का उल्लंघन मानते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई पर अड़िग हैं।
डीईओ ये बताएं कि वे समस्याएं निपटा दें तो शिक्षक वरिष्ठ अफसरों तक जाएं ही क्यों: डीईओ यह बताएं कि यदि उनके स्तर पर ही समस्या का निराकरण हो रहा होता तो क्यो कोई शिक्षक जनसुनवाई या मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर जाएगा। उन्हें यह आदेश देने से पहले शिकायतों के निराकरण के संबंध में लंबित कार्यों की समीक्षा करना चाहिए। यह तो सरासर गलत है। यदि इस तरह के प्रतिबंध हैं तो फिर सीएम हेल्पलाइन और जनसुनवाई का औचित्य ही क्या।
राजेंद्र साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष, शिक्षक कांग्रेस
जनसुनवाई-सीएम हेल्पलाइन बनी ही परेशानी बताने के लिए हैं, डीईओ से जवाब मांगूंगाः
-जनसुनवाई जैसा माध्यम बनाया ही इसलिए गया कि कोई भी व्यक्ति अपनी परेशानी खुलकर बता सके। इसमें विभाग और आम आदमी के बीच किसी तरह का बंधन नहीं है। अब मैं डीईओ से पूछूंगा कि उन्होंने यह आदेश किस नियम और किस आधार पर जारी किया है।
-अविनाश लावनिया,कलेक्टर होशंगाबाद
सीएम हेल्पलाइन और जनसुनवाई की व्यवस्था लोगों की सुविधा के लिए हैं, इसमें सभी लोग शिकायत कर सकते हैं। शिक्षक भी अपने विभाग से संबंधित शिकायत कर सकते हैं। किसी पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं है। डीईओ से इस संबंध में जवाब मांगेंगे और यह आदेश वापस करवाएंगे।
दीपक जोशी, शिक्षा राज्य मंत्री, मप्र शासन

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