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कठिन विषय पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं करेंगे बाबूगिरी

स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों से कई प्रकार के गैर जरूरी कार्य कराए जाते है। इस संबंध में संचालनालय ने आदेश जारी कर कहा है कि अब गणित, अंग्रेजी और विज्ञान के शिक्षकों को स्कूलों में पढ़ाने के अलावा अन्य कार्य में नहीं लगाया जाएगा। इन तीनों विषयों में छात्रों को शिक्षक न मिलने से सबसे अधिक परेशानी होती है।
इस समस्या को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है कि तीनों विषयों के शिक्षकों को अन्य कार्य में नहीं लगाया जाएगा।

गौरतलब है कि स्कूलों के खराब परीक्षा परिणाम आने पर उसमें गणित, अंग्रेजी और विज्ञान विषयों में ही अधिकतर छात्र फेल होते हैं। इसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि इन विषयों के विशेषज्ञ शिक्षकों को निर्वाचन कार्य में बूथ लेवल ऑफिसर या ऐसे ही अन्य कार्यों में लगा दिया जाता है। इससे उन स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित होती है। पढ़ाई भी उन विषयों की प्रभावित होती है जो सबसे अधिक कठिन होते हैं।

काम में लगाया, तो

अधिकारी जिम्मेदार

लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त ने निर्देश जारी किए हैं कि अब भी अटैचमेंट के कई प्रकरण सामने आ रहे हैं। यह इस कार्यालय के आदेशों की अवहेलना है। इसके लिए डीईओ सीधे जिम्मेदार होंगे। इसके लिए कहा गया है कि इन शिक्षकों से दूसरा काम नहीं लिया जाए।

अब नहीं होगी पढ़ाई प्रभावित

Ãहिंदी और अन्य विषय तो कोई भी पढ़ा देगा, लेकिन गणित, विज्ञान और अंग्रेजी के टीचरों को काम पर लगा देने से स्कूल की पढ़ाई व्यवस्था प्रभावित होती थी। अब इस आदेश से स्कूलों में यह टीचर बाबूगिरी न करके बेहतर अध्यापन कार्य करा सकेंगे। - जेएस बरकड़े, डीईओ, छतरपुर

नहीं मिलते इन विषयों के शिक्षक

1. जिले में वैसे भी शिक्षकों की कमी है और इन महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक भी नहीं मिल पाते है। सबसे बड़ी समस्या गणित, अंग्रेजी और विज्ञान के टीचरों की कमी है। इन टीचरों की कमी होने से पढ़ाई में वैसे ही परेशानी होती है। इसके अलावा जब इन शिक्षकों को यदि निर्वाचन या अन्य कामों में लगा दिया जाता है तो समस्या काफी बढ़ जाती है।

काम में पढ़ाने वाले शिक्षकों को लगाते हैं

2. शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर परेशानी हो रही है। शासन ने काफी प्रयास किए हैं कि शिक्षा का स्तर बेहतर बन सके। लेकिन कुछ लोग इस काम में रुचि नहीं लेते हैं। इसलिए शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं रखा जाता है। क्वालिटी को लेकर कई प्रयास किए गए, लेकिन कुछ नहीं हो सका। इसके लिए जब तक सख्ती नहीं होगी तब तक काम सही नहीं होगा।

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