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2 अयोग्य टीचर्स को मोहंती भी नहीं हटा पाए

भोपाल। कहते हैं एसआर मोहंती शिक्षा विभाग के सबसे ताकतवर अधिकारी हैं। इसलिए नहीं किया वो सचिव हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि वो मोहंती हैं लेकिन जबलपुर के बरगीनगर सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल में पढ़ा रहे 2 अयोग्य शिक्षकों के सामने मोहंती भी नहीं टिक पाए। दोनों अयोग्य होने के बावजूद धड़ल्ले से पढ़ा रहे हैं और वेतन भी ले रहे हैं। 
बरगी बांध की निगरानी के लिए 30 साल पहले रखे गए सिंचाई विभाग (नर्मदा वैली डिपार्टमेंट अथॉरिटी) के दो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी बरगीनगर सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल में शिक्षक बन गए। अब इन शिक्षकों को स्कूल से निकालना मुश्किल हो रहा है। दो साल में तीन बार उन्हें हटाने की कोशिश हुई, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग असफल रहा। आखिर स्कूल की प्राचार्य ने आयुक्त से गुहार लगाई है। 

सिंचाई विभाग से मिलता है वेतन
स्कूल शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक दैवेभो एके सिन्हा और विंध्येश्वरी शुक्ला को 30 साल पहले बरगी बांध की निगरानी के लिए नियुक्त किया गया था। इस समय भी दोनों सिंचाई विभाग में ही पदस्थ हें। सिंचाई विभाग से वेतन ले रहे हैं लेकिन स्कूल में हायर सेकंडरी के विद्यार्थियों को साइंस-फिजिक्स पढ़ा रहे हैं। जबकि उनकी शैक्षणिक योग्यता बीए है। स्कूल की एक शिक्षिका हर माह उनकी उपस्थिति सिंचाई विभाग को भेजती हैं। इस आधार पर वेतन बनता है। आज तक सिंचाई विभाग के अफसरों ने नहीं देखा कि उनसे वेतन लेने वाले कर्मचारी कहां काम कर रहे हैं। वहीं अब तक स्कूल शिक्षा विभाग को भी दैवेभो के पढ़ाने से ऐतराज नहीं था।
मोहंती भी नहीं हटा पाए 
जिला पंचायत जबलपुर के उपाध्यक्ष मांगीलाल मरावी ने जब मामला उठाया, तो विभाग ने दोनों को हटाने की कोशिश की, तो पिछले दिनों साधारण सभा की बैठक में इसे रोकने को कह दिया गया। अब विभाग के अफसर तय नहीं कर पा रहे हैं कि क्या करें। एसीएस भी हटाने का कह चुके स्कूल शिक्षा विभाग के एसीएस एसआर मोहंती भी दोनों कर्मचारियों को हटाने का कह चुके हैं। पिछले दिनों जबलपुर पहुंचे मोहंती के ध्यान में यह बात लाई गई थी।
आयुक्त लोक शिक्षण भी चुप 
इसके बाद भी कर्मचारियों को हटाने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए स्कूल की प्राचार्य अंजनी सेलोट ने दो दिन पहले आयुक्त लोक शिक्षण नीरज दुबे को वॉट्सअप पर पूरा विवरण भेजकर मामले का पटाक्षेप करने की गुहार लगाई है। लोक शिक्षण के सूत्र बताते हैं कि इस मामले में आयुक्त की प्राचार्य से बात भी हुई है। हालांकि प्राचार्य ने किसी बात से ही इंकार किया, जबकि आयुक्त ने व्यस्तता बताकर बात नहीं की।
दोनों को शिक्षा विभाग ने प्रतिनियुक्ति पर मांगा था 

सूत्रों के मुताबिक निर्माण के समय बरगी बांध की देखरेख के लिए एके सिन्हा और विंध्येश्वरी शुक्ला को बतौर दैवेभो सिंचाई विभाग ने रखा था। महज पांच साल बाद बरगीनगर में सरकारी स्कूल खुला। चूंकि दोनों कर्मचारी स्नातक हैं, इसलिए बच्चों को पढ़ाने में इनसे सहयोग मांगा गया। दोनों सहज ही तैयार हो गए। तब से वे लगातार पढ़ा रहे हैं।
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