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खराब रिजल्ट पर स्कूलों को मेंटर स्कूल बनेंगे की तैयारी

प्रदेश में जिन सरकारी स्कूलों का हाईस्कूल या फिर हायर सेकंडरी का रिजल्ट बिगड़ा है उनमें सुधार के लिए उन्हें अच्छे रिजल्ट वाले स्कूलों से जोड़ा जा रहा है। अच्छे रिजल्ट वाले स्कूल को मेंटर बनाकर रिजल्ट सुधारने की कवायद जल्द शुरू हो जाएगी।
क्योंकि लोक शिक्षण आयुक्त नीरज दुबे ने प्रदेश के सारे डीईओ को यह आदेश जारी कर दिए हैं। सागर में इस पर काम भी शुरू हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना की निगरानी ठीक से की तो परिणाम भी अच्छे आएंगे। यदि मॉनीटरिंग स्तर पर लापरवाही हुई तो काम के बोझ की वजह से उन स्कूलों के रिजल्ट पर भी असर पड़ेगा, जिनका रिजल्ट अभी अच्छा आया हैं।

योजना में प्रदेश के ऐसे हायर सेकंडरी और हाईस्कूलों का चयन किया गया है जिनका परीक्षा परिणाम प्रदेश के औसत परीक्षा परिणाम से 10 प्रतिशत या उससे भी कम रहा है। ऐसे स्कूलों में उन विषयों की सूची बनाई जाएगी जिन विषयों की वजह से रिजल्ट बिगड़ा है, इसके बाद इन स्कूलों को नजदीक के ऐसे उत्कृष्ट या उन स्कूलों से जोड़ा जाएगा जिनका रिजल्ट अच्छा रहा है।

10 दिन में तैयार करना है सूची

जल्द पूरी की जाएगी प्रक्रिया

जिले में 16 हाईस्कूलों का परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से कम रहा था। ऐसे स्कूलों की सूची बना ली गई है अब मेंटर स्कूलों का चयन किया जा रहा है, जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसमें यह भी ख्याल रखा जाएगा कि मेंटर स्कूल पर वर्कलोड न आए। -आरएन शुक्ला डीईओ, सागर

मॉनीटरिंग सही तो फायदा, लापरवाही तो नुकसान

मेंटर स्कूल योजना की सफलता पूरी तरह से मॉनीटरिंग आधारित होगी। शिक्षा विभाग के जानकारों के अनुसार इस योजना में मॉनीटरिंग ठीक हुई तो स्कूलों का रिजल्ट ठीक होगा। इसके अलावा जिन स्कूलों को मेंटर बनाया जा रहा है उन्हें अन्य कामों से अलग करना होगा। अगर मॉनिटरिंग ठीक नहीं हुई तो जिन स्कूलों का रिजल्ट अच्छा है, शिक्षकों पर काम के दवाब के चलते उन स्कूलों का रिजल्ट भी प्रभावित हो सकता है।

मेंटर स्कूल बनने के

बाद यह करना होगा

मेंटर स्कूल के प्राचार्य की जिम्मेदारी होगी कि उनसे जोड़े गए स्कूल का भ्रमण कर समीक्षा करेंगे और कम रिजल्ट आने का कारण तलाश करेंगे और उसके अनुसार बच्चों को पढ़ाने की योजना बनाएंगे। इसके बाद मेंटर स्कूल के शिक्षक कम रिजल्ट वाले स्कूल में उन विषयों को पढ़ाएंगे जिनमें छात्र कमजोर हैं। इसके अलावा कम रिजल्ट वाले स्कूल के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को मेंटर स्कूल का भ्रमण कराया जाएगा ताकि वे यहां की अच्छी चीजों को आत्मसात कर सकें।

प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि 10 दिन में मेंटर स्कूलों की सूची तैयार करके लोक शिक्षण संचालनालय भेजें ताकि योजना को शुरू किया जा सके।
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