हरदा। नवदुनिया न्यूज मध्यान्ह भोजन में लापरवाही बरतने पर जिला
सीईओ ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 3 प्रधान पाठक, 4 अध्यापक और 5 सहायक
अध्यापक की एक साल की वेतन वृद्घि असंचयी प्रभाव से रोक दी है। इनमें यदि
हरदा ब्लॉक के एक प्रधान पाठक और एक सहायक अध्यापक को छोड़ दे तो सभी प्रधान
पाठक, अध्यापक और सहायक अध्यापक टिमरनी ब्लॉक के ही है।
वैसे तो एक दर्जन स्कूल में पदस्थ शिक्षकों के विरुद्घ की गई इस कार्रवाई में सभी पर अलग-अलग आरोप है, लेकिन यदि संक्षिप्त में कहा जाए तो शाला में पदस्थ यह जिम्मेदार शिक्षक बच्चों की मौजूदगी नही होने पर भी वरिष्ठ कार्यालय को मध्यान्ह भोजन के नाम पर बिल पहुंचाकर राशि ले रहे थे। कुछ शिक्षकों ने तो ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी मध्यान्ह भोजन का व्यय दिखाकर राकिश निकलवानी चाही। मध्यान्ह भोजन प्रभारी एवं क्वालिटी मॉनिटर जिला पंचायत द्वारा अप्रैल से जुलाई तक निरीक्षण कर मध्यान्ह भोजन में होने वाले व्यय और उस दौरान बच्चों की उपस्थिति का मिलान किया गया, जिसके बाद यह अनियमित्ता सामने आई। जिला सीईओ षणमुख प्रिया मिश्रा ने संबंधित सभी शिक्षकों को सोकास नोटिस देकर 30 जुलाई तक जवाब देने के लिए आदेशित किया। संतोषप्रद जवाब नही मिलने पर जिला सीईओ ने इनकी एक साल की वेतनवृद्घि असंचयी प्रभाव से रोक दी।
इनकी रूकी एक साल की वेतन वृद्घि
हरदा विकासखण्ड में माध्यमिक शाला गहाल के प्रधान पाठक लखनलाल बिलारे और प्रथमिक शाला गहाल के सहायक अध्यापक गणेश पटवारे की एक साल की वेतनवृद्घि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। वहीं टिमरनी विकासखण्ड में प्राथमिक शाला कायदा के प्रधान पाठक देवीसिंह युवने, माध्यमिक शाला कायदा के अध्यापक कमल भलावी, माध्यमिक शाला बघवाड़ के प्रधान पाठक जेपी तंवर, प्राथमिक शाला बघवाड़ के अध्यापक केसी अग्रवाल, माध्यमिक शाला केली अध्यापक चेतनलाल सोनवाने, प्राथमिक शाला केली सहायक अध्यापक सुखराम कासदे, प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला कुमरूम के सहायक अध्यापक जुगराम बट्टी व सिकरवार सिंह बघेल, प्राथमिक शाला रवांग के सहायक अध्यापक बालकराम धुर्वे और प्राथमिक माध्यमिक शाला महुखाल के अध्यापक साहबलाल धुर्वे की एक साल की वेतनवृद्घि असंचयी प्रभाव से रोके जाने के आदेश दिये गए है।
जिम्मेदारों ने मध्यान्ह भोजन में यह की थी गड़बड़ियां
- गहाल में भोजन पकाने पर व्यय की जाने वाली राशि, वास्तविक व्यय से अधिक भेजी जा रही है।
- कायदा में निरीक्षण में एक भी बच्चा नही मिला, जबकि जो व्यय पत्रक भेजा गया उसमें 77 बच्चों की उपस्थिति दर्शाई गई।
- बघवाड़ में निरीक्षण में 33 विद्यार्थी मिले, जबकि मध्यान्ह भोजन की पंजी में 63 बच्चों की एंट्री की गई।
- केली में निरीक्षण में मिले विद्यार्थियों की संख्या में 50 छात्रों की वृद्घि कर मध्यान्ह भोजन की पंजी में एंट्री की गई।
- कुमरूम में चार गैस टंकी होने के बाद भी लकड़ी पर खाना बनाते पाया गया, साथ ही एक गैस टंकी निजी उपयोग में लाई जा रही थी।
- रवांग में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान मध्यान्ह भोजन का व्यय दिखा दिया, जबकि बच्चे मौजूद ही नही थे।
- महुखाल में निरीक्षण में एक भी बच्चा स्कूल में नही मिला, जबकि मध्यान्य भोजन पंजी में 34 की एंट्री की गई।
वेतन निर्धारण की जांच के निर्देश
जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी षणमुख प्रिया मिश्रा ने विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी हरदा, टिमरनी और खिरकिया सहित जिले के सभी संकुल प्राचार्यों को पदोन्नत हुए अध्यापकों के वेतन निर्धारण की जांच/अनुमोदन के संबंध में निर्देश जारी किये है। उन्होने लिखा है कि 28 फरवरी 2009 को वित्त विभाग की अधिसूचना में स्पष्ट निर्देशों के बावजूद जिले में पदोन्न अध्यापको के वेतन निर्धारण में विसंगति होने के कारण अध्यापकों एवं जिले के संघो द्वारा आवेदन देकर वेतन निर्धारण की जांच हेतु लेख किया जा रहा है। जिला सीईओ ने समस्त बीईओ और संकुश प्राचार्यों को निर्देश दिये है कि पदोन्नत अध्यापकों का शासन निर्देशानुसार वेतन निर्धारण कर वेतन निर्धारण की जांच/अनुमोदन स्थानीय संपरीक्षा दल केम्प हरदा से कराये जाने के बाद लाभ दिया जाना सुनिश्चित करें।
बॉक्स में लगाएं...........
जिला कार्यक्रम अधिकारी शांति बेले की संचयी प्रभाव से रोकी वेतनवृद्घि
वेतनवृद्घि रोकने की कार्रवाई दो प्रकार से होती है। जो वेतनवृद्घि असंचयी प्रभाव से रोकी जाती है, वह एक साल बाद मिलने लगती है, लेकिन जो वेतन वृद्घि संचयी प्रभाव से रोकी जाती है, उन्हे दोबारा उस वेतनवृद्घि का लाभ ही नही मिलता। पूर्व में की गई कार्य के प्रति लापरवाही बरतने पर महिला बाल विकास की जिला कार्यक्रम अधिकारी शांति बेले की भी एक वेतनवृद्घि संचयी प्रभाव से रोके जाने के आदेश दिये गए है। इसके अलावा तात्कालीन हरदा जनपद के सीईओ और वर्तमान एसीईओ सुभाष शर्मा की एक वेतनवृद्घि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। इसी तरह आरईएस के एसडीओ विजयसिंह ठाकुर और हरदा जनपद के उपयंत्री आरव्ही लौवंशी की दो-दो वेतनवृद्घि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। नर्मदापुरम संभाग के उपायुक्त डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने पत्र क्रमांक 2937 के माध्यम से यह आदेशित किया है कि अधिकारियों पर की गई कार्रवाई को उनकी सर्विस बुक में भी दर्ज किया जाए।
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वैसे तो एक दर्जन स्कूल में पदस्थ शिक्षकों के विरुद्घ की गई इस कार्रवाई में सभी पर अलग-अलग आरोप है, लेकिन यदि संक्षिप्त में कहा जाए तो शाला में पदस्थ यह जिम्मेदार शिक्षक बच्चों की मौजूदगी नही होने पर भी वरिष्ठ कार्यालय को मध्यान्ह भोजन के नाम पर बिल पहुंचाकर राशि ले रहे थे। कुछ शिक्षकों ने तो ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी मध्यान्ह भोजन का व्यय दिखाकर राकिश निकलवानी चाही। मध्यान्ह भोजन प्रभारी एवं क्वालिटी मॉनिटर जिला पंचायत द्वारा अप्रैल से जुलाई तक निरीक्षण कर मध्यान्ह भोजन में होने वाले व्यय और उस दौरान बच्चों की उपस्थिति का मिलान किया गया, जिसके बाद यह अनियमित्ता सामने आई। जिला सीईओ षणमुख प्रिया मिश्रा ने संबंधित सभी शिक्षकों को सोकास नोटिस देकर 30 जुलाई तक जवाब देने के लिए आदेशित किया। संतोषप्रद जवाब नही मिलने पर जिला सीईओ ने इनकी एक साल की वेतनवृद्घि असंचयी प्रभाव से रोक दी।
इनकी रूकी एक साल की वेतन वृद्घि
हरदा विकासखण्ड में माध्यमिक शाला गहाल के प्रधान पाठक लखनलाल बिलारे और प्रथमिक शाला गहाल के सहायक अध्यापक गणेश पटवारे की एक साल की वेतनवृद्घि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। वहीं टिमरनी विकासखण्ड में प्राथमिक शाला कायदा के प्रधान पाठक देवीसिंह युवने, माध्यमिक शाला कायदा के अध्यापक कमल भलावी, माध्यमिक शाला बघवाड़ के प्रधान पाठक जेपी तंवर, प्राथमिक शाला बघवाड़ के अध्यापक केसी अग्रवाल, माध्यमिक शाला केली अध्यापक चेतनलाल सोनवाने, प्राथमिक शाला केली सहायक अध्यापक सुखराम कासदे, प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला कुमरूम के सहायक अध्यापक जुगराम बट्टी व सिकरवार सिंह बघेल, प्राथमिक शाला रवांग के सहायक अध्यापक बालकराम धुर्वे और प्राथमिक माध्यमिक शाला महुखाल के अध्यापक साहबलाल धुर्वे की एक साल की वेतनवृद्घि असंचयी प्रभाव से रोके जाने के आदेश दिये गए है।
जिम्मेदारों ने मध्यान्ह भोजन में यह की थी गड़बड़ियां
- गहाल में भोजन पकाने पर व्यय की जाने वाली राशि, वास्तविक व्यय से अधिक भेजी जा रही है।
- कायदा में निरीक्षण में एक भी बच्चा नही मिला, जबकि जो व्यय पत्रक भेजा गया उसमें 77 बच्चों की उपस्थिति दर्शाई गई।
- बघवाड़ में निरीक्षण में 33 विद्यार्थी मिले, जबकि मध्यान्ह भोजन की पंजी में 63 बच्चों की एंट्री की गई।
- केली में निरीक्षण में मिले विद्यार्थियों की संख्या में 50 छात्रों की वृद्घि कर मध्यान्ह भोजन की पंजी में एंट्री की गई।
- कुमरूम में चार गैस टंकी होने के बाद भी लकड़ी पर खाना बनाते पाया गया, साथ ही एक गैस टंकी निजी उपयोग में लाई जा रही थी।
- रवांग में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान मध्यान्ह भोजन का व्यय दिखा दिया, जबकि बच्चे मौजूद ही नही थे।
- महुखाल में निरीक्षण में एक भी बच्चा स्कूल में नही मिला, जबकि मध्यान्य भोजन पंजी में 34 की एंट्री की गई।
वेतन निर्धारण की जांच के निर्देश
जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी षणमुख प्रिया मिश्रा ने विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी हरदा, टिमरनी और खिरकिया सहित जिले के सभी संकुल प्राचार्यों को पदोन्नत हुए अध्यापकों के वेतन निर्धारण की जांच/अनुमोदन के संबंध में निर्देश जारी किये है। उन्होने लिखा है कि 28 फरवरी 2009 को वित्त विभाग की अधिसूचना में स्पष्ट निर्देशों के बावजूद जिले में पदोन्न अध्यापको के वेतन निर्धारण में विसंगति होने के कारण अध्यापकों एवं जिले के संघो द्वारा आवेदन देकर वेतन निर्धारण की जांच हेतु लेख किया जा रहा है। जिला सीईओ ने समस्त बीईओ और संकुश प्राचार्यों को निर्देश दिये है कि पदोन्नत अध्यापकों का शासन निर्देशानुसार वेतन निर्धारण कर वेतन निर्धारण की जांच/अनुमोदन स्थानीय संपरीक्षा दल केम्प हरदा से कराये जाने के बाद लाभ दिया जाना सुनिश्चित करें।
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जिला कार्यक्रम अधिकारी शांति बेले की संचयी प्रभाव से रोकी वेतनवृद्घि
वेतनवृद्घि रोकने की कार्रवाई दो प्रकार से होती है। जो वेतनवृद्घि असंचयी प्रभाव से रोकी जाती है, वह एक साल बाद मिलने लगती है, लेकिन जो वेतन वृद्घि संचयी प्रभाव से रोकी जाती है, उन्हे दोबारा उस वेतनवृद्घि का लाभ ही नही मिलता। पूर्व में की गई कार्य के प्रति लापरवाही बरतने पर महिला बाल विकास की जिला कार्यक्रम अधिकारी शांति बेले की भी एक वेतनवृद्घि संचयी प्रभाव से रोके जाने के आदेश दिये गए है। इसके अलावा तात्कालीन हरदा जनपद के सीईओ और वर्तमान एसीईओ सुभाष शर्मा की एक वेतनवृद्घि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। इसी तरह आरईएस के एसडीओ विजयसिंह ठाकुर और हरदा जनपद के उपयंत्री आरव्ही लौवंशी की दो-दो वेतनवृद्घि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। नर्मदापुरम संभाग के उपायुक्त डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने पत्र क्रमांक 2937 के माध्यम से यह आदेशित किया है कि अधिकारियों पर की गई कार्रवाई को उनकी सर्विस बुक में भी दर्ज किया जाए।
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