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स्थाई समिति की बैठक में गूंजा अतिथि शिक्षकों का मुद्दा

जिला पंचायत की उपाध्यक्ष व शिक्षा स्थाई समिति की अध्यक्ष रामबाई के द्वारा जिपं के सभा कक्षा में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें शिक्षा विभाग से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के साथ-साथ पिछले सत्र में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों का मुद्दा भी गरमाया।
समिति की अध्यक्ष के पूछे जाने पर प्रभारी डीओ ने भी स्वीकारा कि आदेश के तहत पिछले सत्र में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति में प्राथमिकता देते हुए उन्हें नियुक्त किया जाए। वहीं अन्य सवालों के जवाब में प्रभारी डीओ कुछ नहीं बोल पाए और दूसरे अधिकारियों पर बात डालते हुए देखे गए। बैठक में सभी विकासखंडों के बीआरसी की मौजूदगी रही।
बैठक की शुरुआत में जिपं उपाध्यक्ष व समिति की अध्यक्ष रामबाई ने बताया कि पिछली बैठक 30 दिसंबर 2015 को आयोजित की गई थी। इस बैठक में जिन सवालों को रखा गया था उन पर क्या कार्रवाई हुई इस संबंध में डीओ पीपी सिंह को जवाब देना है। पहले सवाल में उन्होंने पूछा कि पथरिया विकासखंड अंतर्गत आने वाले बांसा कला गांव में शिक्षक राजेश जैन के अनियमित होने का मामला प्रकाश में आया था, इस पर क्या कार्रवाई हुई। सवाल के जवाब में प्रभारी डीओ कुछ नहीं बोल पाए और उन्होंने पथरिया बीआरसी को जवाब देने के लिए कहा। जवाब में बताया गया कि अभी जांच चल रही है। जिस पर रामबाई ने कहा कि सात महीने हो गए अभी केवल जांच चल रही है। यह गलत बात है। यदि इस तरह से जांच चलती रही तो कार्रवाई कब की जाएगी। उन्होंने दो दिन में कार्रवाई कर रिपोर्ट देने को कहा। वहीं स्कूलों के जर्जर भवन के सवाल के जवाब में भी डीओ कोई खास जवाब नहीं दे पाए। इसी बीच विधायक प्रतिनिधि अखलेश हजारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माणाधीन स्कूलों के लिए निर्माण एजेंसी आरईएस को बनाया जाए। क्योंकि सरपंच राशि कम होने का रोना रोते रहते हैं।
पूर्व के अतिथियों को किया जाए नियुक्त
जिपं सदस्य परमानंद कुशवाहा ने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में की जा रही गड़बड़ियों के बारे में डीओ पीपी सिंह से पूछा कि पिछले कई सालों से शासकीय स्कूलों में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों को नियुक्त क्यों नहीं किया जा रहा है। इसके जवाब में श्री सिंह ने कहा 2010 और 2013 के शासन के आदेश के तहत हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल में पूर्व से पदस्थ अतिथि शिक्षकों को उनके परीक्षाफल के आदेश पर नियुक्त किया जाए। जब उनसे पूछा गया कि जब ऐसा आदेश है तो फिर पूर्व के अतिथियों को बाहर कर परसेंटेज बेस पर नए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति क्यों की जा रही है। जबकि उनके पास अनुभव कुछ नहीं है जबकि पूर्व के अतिथि पिछले कई सालों से पढ़ा रहे हैं उनके अनुभव और योग्यता के आधार पर उन्हें नियुक्त किया जाए।
इसी बीच एक अतिथि शिक्षक ने जिपं उपाध्यक्ष रामबाई को ज्ञापन सौंपकर पिछले सत्र में पढ़ाने वाले अतिथियों को नियुक्त करने की मांग की। ज्ञापन में बताया गया कि शहर के महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्कूल के प्राचार्य एसएल अहिरवार ने पिछले कई सालों से पदस्थ अतिथि शिक्षकों को बाहर कर दिया है और नए अतिथि नियुक्त कर लिए हैं। जबकि नए अतिथियों के पास अनुभव कुछ नहीं है। प्राचार्य ने अनुभव को नजरअंदाज करते हुए नए अतिथि शिक्षकों को नियुक्त कर दिया। इसलिए पूर्व के अतिथियों को प्राथमिकता देकर एमएलबी स्कूल में नियुक्त किया जाए। क्योंकि शहर के कई स्कूलों में पुराने अतिथि शिक्षकों को नियुक्त करने विचार किया जा रहा है।
इस संबंध में प्रभारी डीओ पीपी सिंह ने कहा कि वे आज कलेक्टर से बात करेंगे कि पिछले सत्र के अतिथि शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए कोई आदेश दिया जाए।
इसके साथ ही कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में दमोह बीआरसी पदम सिंह, डीपीसी हेमंत खेरवाल, विधायक प्रतिनिधि अखलेश हजारी के अलावा शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों की उपस्थिति रही।
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