*11 हजार से ज्यादा को अभी भी छात्रवृत्ति का इंतजार *पहले स्थानीय स्तर पर लापरवाही, अब दो माह से आवंटन का इंतजारमंदसौर। पहले स्थानीय स्तर पर लापरवाही और अब आवंटन का अभाव, यही कहानी है पिछले शिक्ष सत्र में छात्रवृत्ति से वंचित रह गए 11, 494 बच्चों की। नया सत्र शुरू होने के बाद भी इन सभी को पिछले साल की छात्रवृत्ति का इंतजार है।
विद्यार्थी स्कूलों के चक्कर काट रहे हैं और प्राचार्य शिक्षा विभाग के। अधिकारियों ने इस संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में कई बार अवगत करा दिया है। बच्चों ने सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की, पर वहां से भी कोई सहायता नहीं मिली है। शिक्षा विभाग भी सिर्फ दो टूक जवाब दे रहा है कि आवंटन नहीं हुआ है।
छात्रवृत्ति वितरण को लेकर वर्ष 2013-14 और 2014-15 में खासी लापरवाही बरती गई। दोनों सालों को मिलाकर 5 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को अब जाकर छात्रवृत्ति मिल पाई। वर्ष 2015-16 की छात्रवृत्ति को लेकर भी यहीं स्थिति बन रही है। 1,46,679 में से 1,35,185 को छात्रवृत्ति का वितरण हो चुका है। दो सप्ताह में नया सत्र शुरू हो जाएगा। इसके बाद भी 11,494 को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है। अगले सत्र में ही विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिलने की उम्मीद है।
सीएम हेल्पलाइन का सहारा
29 मार्च को जिला कोषालय में छात्रवृत्ति का आवंटन हुआ था। 30 मार्च को संकुल प्राचार्यों ने बिल लगा दिए। लेकिन 2 बजे बिल लेना बंद कर दिए गए क्योंकि छात्रवृत्ति की राशि नहीं थी। स्कूल और शिक्षा विभाग में शिकायत के बाद अब विद्यार्थी सीएम हेल्पलाइन में शिकायत कर रहे हैं। लेकिन शासन स्तर पर ही राशि नहीं भेजने के कारण कोई हल नहीं निकल पा रहा।
सिर्फ मिल रहा आश्वासन
पहले स्थानीय स्तर पर रजिस्ट्रेशन में खासी लापरवाही बरती गई। कलेक्टर को रजिस्ट्रेशन के काम में हस्तक्षेप करना पड़ा। इसके बाद तत्कालीन संयुक्त संचालक एमएस राठौर ने प्राचार्यों की बैठक लेकर सख्ती दिखाई। तब कहीं जाकर रजिस्ट्रेशन का काम पूरा हो पाया। अब आवंटन के अभाव में छात्रवृत्ति अटक गई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इस संबंध में अधिकारी अवगत करा चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी आवंटन नहीं हो पा रहा।
अवगत करा चुके
आवंटन नहीं हो पाया है। इस संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में अवगत करा दिया है। बच्चे सीएम हेल्पलाइन में शिकायत भी कर रहे हैं। जल्द ही आवंटन होने की उम्मीद है। जैसे ही आवंटन मिलेगा, छात्रवृत्ति बांट दी जाएगी।
-बीएस पटेल
जिला शिक्षा अधिकारी
मंदसौर
क्यों पिछड़ा जिला
*अधिकारियों ने नहीं दिखाई सख्ती।
*प्राचार्यों ने रजिस्ट्रेशन में दिखाई लापरवाही।
*संकुलों पर नहीं की कम्प्यूटर ऑपरेटर की समस्या।
*तकनीकी परेशानियों का नहीं किया निदान।
*समस्याओं से शिक्षा विभाग को नहीं कराया अवगत।
*ैमैेपिंग में दो नाम के कारण रुकी छात्रवृत्ति।
*जन्म तारीख और पिता के नाम भी गड़बड़ी।
*सबकुछ होने के बाद अब आवंटन बना कारण।
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