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अध्यापकों ने वेतनमान के आदेश को बताया विसंगतियुक्त, प्रतियां जलाईं

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से हाल ही में जारी किए अध्यापक संवर्ग के छठे वेतनमान आदेश को अध्यापक संवर्ग ने विसंगतियुक्त बताया है। अध्यापक संवर्ग ने बुधवार दोपहर आदेश की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया।

अध्यापक संवर्ग की ओर से छठे वेतनमान को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही थी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से हाल ही में वेतनमान स्वीकृति का आदेश जारी किया गया है। इस आदेश को लेकर अध्यापक संवर्ग नाराज है। अध्यापकों का आरोप है कि आदेश पूरी तरह विसंगतियुक्त है। अगर इस आदेश का पालन होता है तो अध्यापकों का वेतन बढ़ने की बजाय आैर 4 हजार रुपए घट जाएगा। इसी के विरोध में अध्यापक संविदा संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बुधवार दोपहर 50 से अधिक अध्यापक संवर्ग ने विरोध प्रदर्शन किया। आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए अध्यापक संवर्ग ने टावर चौक पर एकत्रित होकर आदेश की प्रतियां जलाई। इस दौरान प्रेमप्रकाश पंड्या, अजय सिंह दोहरे, सोहनलाल चौहान, भरत शर्मा, अनिल परमार, मुकेश पाटीदार, सुनील नामदेव, श्याम अकोदिया सहित अध्यापक संविदा शिक्षक संघ आैर अध्यापक संविदा संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी उपस्थित थे। पदाधिकारियों के अनुसार जल्द ही संघ के पदाधिकारी बैठक कर चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेंगे। संभावना है कि 5 जून से धरना प्रदर्शन शुरू होगा। इधर राज्य अध्यापक संघ के पदाधिकारियों ने भी दोपहर में छठें वेतनमान दिए जाने के संबंध में जारी गणना पत्रकों की टावर चौक पर होली जलाई।

अध्यापक संविदा शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव दिग्विजय सिंह चौहान ने बताया सहायक अध्यापक आैर वरिष्ठ अध्यापकों के वेतन निर्धारण में छठे वेतनमान के नियमों के विपरीत 5200 आैर 9300 मूल वेतन का निर्धारण किया जा रहा है। इसका निर्धारण क्रमश: 7440 आैर 10230 पर किया जाना चाहिए। वेतनमान में सेवा अवधि की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक से नहीं की जाकर अध्यापक बनने की दिनांक से करने के निर्देश दिए हैं, जिससे 1998, 2001, 2003, 2005, 2007 आैर 2009 में नियुक्त अध्यापक संवर्ग को क्रमश: 13, 10, 8, 6, 4 व 2 इंक्रीमेंट का नुकसान होगा। मूल वेतन आैर ग्रेड वेतन के 3 प्रतिशत के स्थान पर केवल मूल वेतन का ही 3 प्रतिशत जोड़ा गया है। 1 जनवरी 2016 के पूर्व की सेवा के लिए जो इंक्रीमेंट जोड़े गए हैं, वो भी प्रत्येक 2 वर्षों के लिए दिया जा रहा है, जबकि प्रतिवर्ष के लिए एक के मान से इंक्रीमेंट दिया जाना चाहिए।

टावर चौक पर वेतनमान आदेश के विरोध में आदेश की होली जलाते अध्यापक।
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