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शिक्षक भर्ती घोटाले का रिकॉर्ड किसने जलाया, नहीं पता चला

जनपद पंचायत के रिकॉर्ड रूम में आग लगाकर शिक्षक भर्ती घोटाले का रिकॉर्ड जलाने वालों का पुलिस दूसरे दिन भी कोई सुराग नहीं लगा पाई हैं। जांच के लिए जनपद पंचायत कार्यालय पहुंची पुलिस को कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं मिले हैं। पुलिस इस बात की जानकारी जुटा रही है कि रात में जिला पंचायत कार्यालय में कोई चौकीदार रहता है या नहीं।

टीआई थाटीपुर आरवीएस विमल ने बताया कि जनपद पंचायत के रिकॉर्ड रूम में लगी आग की जांच शुरू कर दी है। पुलिस को पंचायत कार्यालय में सीसीसीटी कैमरे नहीं मिले हैं। अगर सीसीटीवी कैमरे लगे होते, तो संभवतः इस बात के ठोस प्रमाण मिल सकते थे कि आग कैसे लगी। रात में कोई चौकीदार भी नहीं था। आग कैसे लगी और किसने लगाई? इसका पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।
कितना रिकॉर्ड बचा है, यह पता लगाने के लिए कमेटी गठित
जिला पंचायत सीईओ नीरज कुमार ने बताया कि रिकॉर्ड रूम में लगी आग में क्या-क्या जल गया और क्या बचा है? इसका पता लगाने के लिए 6 सदस्यीय कमेटी गठित की है। यह कमेटी पता लगाएगी कि आग से कौन-सा रिकॉड जला है और क्या बच गया है? इसके अलावा आग कैसे और किसने लगाई है? इसकी जांच पुलिस कर रही है। आपराधिक प्रकरण भी दर्ज करा दिया गया है।
5 साल में शिक्षकों की भर्ती में हुआ है घोटाला
आम आदमी पार्टी ने कलेक्टर डॉ. संजय गोयल को ज्ञापन देकर जनपद पंचायत कार्यालय मुरार में लगी आग की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। पार्टी के मीडिया प्रभारी रोहित गुप्ता ने बताया कि सन 2005 व 2010 के बीच शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। 83 शिक्षकों की नियुक्ति की जांच भी चल रही है। कलेक्टर से जांच कमेटी गठित करने की मांग की गई है।

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