भास्कर संवाददाता | देवास नवीन शिक्षण सत्र प्रारंभ हो गया है, लेकिन अभी तक बच्चों को प्रमुख
विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। जिला मुख्यालय स्थित
मॉडल स्कूल में केमेस्ट्री, साइंस, गणित सहित पांच प्रमुख विषयों को पढ़ाने
वाले शिक्षकों की कमी है।
यहां आवश्यकता 18 शिक्षकों की है, जबकि यहां
मात्र चार शिक्षक ही अध्यापन कार्य करा रहे हैं। मॉडल स्कूल में 340 बच्चे
दर्ज हैं।
वर्तमान में बालगढ़ मार्ग स्थित मॉडल स्कूल में प्राचार्य अनिल सोलंकी,
शिक्षक विकास महाजन, रविंद्र नरवरे और हजारीलाल जाट सहित मात्र 4 शिक्षक
कार्यरत हैं। 9 अतिथि शिक्षक भर्ती किए हैं और अभी 5 शिक्षकों की आवश्यकता
और है। कक्षा 9 से 12वीं तक 340 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, स्कूल में
अभी एडमिशन प्रक्रिया चल रही है।
मॉडल स्कूल में आवश्यकता 18 शिक्षकों की, जबकि पढ़ा रहे हैं मात्र चार शिक्षक
फीस के पैसों से कर्मचारियों की व्यवस्था की है
मॉडल स्कूल में केमेस्ट्री, साइंस और मैथ्स, पीटीआई और संगीत शिक्षक
सहित 5 शिक्षकों की कमी है। आॅफिस स्टाफ में भी कोई नहीं है। सफाईकर्मी
चौकीदार और चतुर्थश्रेणी शाला प्रबंधन समिति ने फीस के पैसों से
कर्मचारियों की व्यवस्था की है।
नौ अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की है
प्राचार्य अनिल सोलंकी ने बताया कि वर्तमान में हमारे विद्यालय
में मात्र 4 शिक्षक हैं। गाइड लाइन अनुसार 9 अतिथि शिक्षकों से व्यवस्था की
है, अभी भी तीन विषय के शिक्षकों की कमी है उनके लिए और कलेक्टर और डीईओ
को लिखा है।
जिले में यह है स्थिति
इसी तरह शासकीय मॉडल उमावि टोंकखुर्द, सोनकच्छ, बागली, कन्नौद और
खातेगांव में भी शिक्षकों के पद खाली है और अधिकतर विषय के शिक्षक नहीं है।
कन्नौद के प्रभारी प्राचार्य लाखन सोलंकी ने बताया कि हमारे स्कूल में 715
छात्र अध्ययनरत हैं। 14 शिक्षकों के स्थान पर मात्र 7 शिक्षक काम कर रहे
हैं। पिछले वर्ष अतिथि शिक्षकों के माध्यम से शिक्षण सत्र पूरा कराया था,
इस वर्ष भी वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा है और पिछले वर्ष काम कर चुके
अतिथि शिक्षकों को बुलाया गया है।
शासन से अनुमति मांगी है
जिला शिक्षा अधिकारी सीवी केवट का कहना है कि अभी जिले के सभी 6
माॅडल स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। शासन से अभी अतिथि शिक्षकों को रखने
की अनुमति मांगी है जिनका पिछला कार्यकाल अच्छा रहा उनको और नए भर्ती के
लिए वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजकर मार्गदर्शन मांगा है। साथ ही सभी
विद्यालयों में प्राचार्यों को अपने अतिथि शिक्षकों को बुलाने का पत्र भी
भेजा जाएगा।