शिवराज सरकार शिक्षित बेरोजगार युवाओं को गुमराह कर रही है। मात्र चुनाव के समय ही संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाती है ताकि चुनाव जीता जा सके। सरकार सिर्फ अपने चुनावी स्वार्थ को देख कर मात्र पांच साल में चुनाव के एक साल पहले संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करती है ताकि जनता उन्हें वोट दे दे।