सातवां यूजीसी वेतनमान देने की एक सूत्रीय मांग को लेकर शासकीय कॉलेजों के
प्रोफेसर के साथ अन्य अधिकारी इस वर्ष शिक्षक दिवस का बहिष्कार करेंगे।
कॉलेजों के प्रोफेसर शिक्षक दिवस के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं
होंगे आैर न ही कोई सम्मान शिक्षक दिवस पर प्राप्त करेंगे।
बुधवार को एक
घंटे टावर चौक पर धरना दिया जाएगा। इस प्रदर्शन में विश्वविद्यालय के
शिक्षक भी शामिल होंगे।
प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के आह्वान पर संभाग आैर
जिला स्तर पर यह प्रदर्शन किया जा रहा है। संघ के संभागीय अध्यक्ष डॉ.
बीएस मक्कड़ एवं महासचिव डॉ. दिलीप सोनी ने बताया सातवां यूजीसी वेतनमान
शासकीय कॉलेजों में कार्यरत सहायक प्राध्यापक, प्राध्यापक, ग्रंथपाल आैर
क्रीड़ा अधिकारियों को 1 जनवरी 2016 से देय है। इसके बावजूद राज्य शासन
द्वारा सातवां वेतनमान नहीं दिया जा रहा है।
विश्वविद्यालय के शिक्षकों के मामले में भी यह देय है। सातवां यूजीसी
वेतनमान नहीं दिए जाने के कारण शिक्षक, ग्रंथपाल आैर क्रीड़ा अधिकारियों को
आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसको लेकर अगस्त में आंदोलन भी चलाया गया था।
जिसमें अलग-अलग कॉलेजों में हर दिन धरना देकर प्रदर्शन किया गया। इसके बाद
विभाग के अधिकारियों ने सातवां यूजीसी वेतनमान देने का आश्वासन दिया था
लेकिन अब तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ। जिसके कारण अब शिक्षक दिवस का
बहिष्कार किया जाएगा। डॉ. मक्कड़ के अनुसार शिक्षक दिवस पर 5 सितंबर को
होने वाले किसी भी कार्यक्रम में शासकीय कॉलेजों आैर विश्वविद्यालय के
शिक्षक शामिल नहीं होंगे। साथ ही किसी भी प्रकार का सम्मान ग्रहण नहीं
करेंगे। शहर में टावर चौक पर शाम 4 से 5 बजे तक धरना दिया जाएगा।