भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने महिला अध्यापकों को
दिए जाने वाले संतान पालन अवकाश नियम में किए गए प्रावधानों पर आपत्ति
व्यक्त की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे तत्काल इसमें
संशोधन करें ताकि महिला अध्यापक इसका लाभ तनावमुक्त होकर उठा सकें।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग ने 19 जनवरी को निकाले गए
आदेश में संतान पालन अवकाश लेने वाली महिला अध्यापक के पद को रिक्त मानकर
उस पर अतिथि शिक्षक
नियुक्त करने का प्रावधान किया है। जब इस अवकाश का लाभ लेकर आवेदक ज्वाइन
करेगा तो उसे उसके अवकाश पर जाने के पहले वाले स्थान पर नियुक्त न कर उस
समय जहां भी रिक्त पद होगा वहां नियुक्त करने का प्रावधान किया है।
उन्होंने
कहा कि मुख्यमंत्री ने जब इस अवकाश देने की घोषणा की थी तो उन्होंने मंशा
जताई थी कि इससे बच्चों का पालन-पोषण बेहतर ढंग से होगा, लेकिन जो आदेश
जारी किया है वह अवकाश लेने वाली महिला अध्यापकों को राहत कम तनाव ज्यादा
दे रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से कहा है कि अगर वे वाकई में महिलाओं और
जन्म लेने वाले बच्चों की परवरिश को लेकर चिंतित हैं, तो तत्काल इस आदेश
को वापस लें। अवकाश पर जाने वाली महिला अध्यापकों के पद पर अतिथि शिक्षक
जरूर नियुक्त करें लेकिन जब वे अवकाश से लौटें तो उन्हें उसी पद और स्थान
पर ज्वाइन करवाएं।
पहले भी उठा चुके हैं प्रश्न:
वहीं इससे पहले भी नेता प्रतिपक्ष कई मामलों को लेकर भाजपा सरकार पर
हमले बोल चुके हैं। अभी कुछ दिन पहले ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि
अपने सत्ता के मद व अहंकार में सरकार अपनी संवेदनशीलता, सुध-बुध खो बैठी
हैं। शर्मनाक यह है कि सीएम का सम्मान तब हो रहा था, जब सागर में एक
नाबालिग रेप पीड़िता की अंत्येष्टि हो रही थी। साथ ही उन्होंने सरकार की
संवेदनशीलता पर भी प्रश्न उठाया।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि रेप पीड़िता की पहचान छुपाने के बजाए
ऐसे उपाय किए जा रहे हैं कि, वह जीवन भर जिल्लत की जिंदगी जीते रहे।
उन्होंने कहा कि इससे अधिक शर्मनाक यह है कि मुख्यमंत्री का सम्मान तब हो
रहा था जब सागर में एक नाबालिग रेप पीड़िता की अंत्येष्टि हो रही थी।