प्रदेश टुडे संवाददाता, ग्वालियर
प्रदेश के निजी बीएड कॉलेजों में एडमीशन की प्रक्रिया बदलने पर विचार-मंथन
शुरू हो गया है। इसके तहत प्रवेश परीक्षा के जरिए एडमीशन की व्यवस्था खत्म
की जा सकती है। सीटें नहीं भरने से परेशान बीएड कॉलेज संचालकों ने उच्च
शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया से दुखड़ा रोया। एडमीशन प्रक्रिया को सरल
करने का अनुरोध किया। प्रवेश काउंसिलिंग के बाद कॉलेज स्तर पर भी सीटें
भरने का एक मौका दिया जाए।
जिस पर मंत्री ने भरोसा दिलाया कि उनकी समस्या
पर विचार करेंंगे। विभाग के आला अफसरों के साथ मीटिंग करके ऐसा हल निकाला
जाएगा,जिससे बीएड की एडमीशन प्रक्रिया में कुछ बदलाव हो सके।
बता दें कि पिछले तीन साल से प्रवेश परीक्षा की मैरिट के आधार पर ही
प्रदेश के बीएड कॉलेजों में प्रवेश दिए जा रहे हैँ। जो छात्र-छात्राएं
प्रवेश परीक्षा में किन्हीं कारणों से शामिल नहीं हो पाते,उन्हें दाखिला
नहीं मिलता। यह प्रवेश भी भोपाल स्तर से आॅनलाइन काउंसिलिंग के जरिए हो रहे
हैं। बाद में कॉलेज स्तर से प्रवेश का मौका नहीं दिया जाता। इसलिए प्रदेश
भर के बीएड कॉलेजों में प्रवेश की स्थिति निराशाजनक है। तीन साल से कॉलेजों
की सीटें नहीं भर पा रहीं। सैकड़ों कॉलेज ऐसे हैं,जिनमें छात्रों की संख्या
दस तक के आंकड़े तक भी नहीं पहुंची। वहीं ज्यादातर कॉलेजों की बीस से चालीस
फीसदी तक ही सीटें जैसे-तैसे भर पा रहीं है। ऐसा इसलिए हो रहा क्योंकि
प्रवेश परीक्षा में उतने छात्र नहीं बैठ रहे,जितनी कुल सीटें हैं। जटिल
प्रक्रिया की बजह से छात्र नहीं आने से कई कॉलेज बंद हो चुके हैं,कई बंद
होने के कगार पर हैं। इसीलिए प्रदेश भर के कॉलेज संचालक लगातार उच्च शिक्षा
विभाग के आला अफसरों से अनुरोध कर रहे हैं कि एडमीशन प्रक्रिया सरल की
जाए। कुछ दिन पहले इसी संबंध में कुछ कॉलेज संचालक भोपाल में उच्च शिक्षा
मंत्री से दुखड़ा रोने पहुंचे। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग में यह
सुगबुगाहटा कि अगले साल से बीएड की प्रवेश परीक्षा खत्म की जा सकती है।
आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर मैरिट के आधार पर दाखिला हो सकते हैं।
इनका कहना है
जब से प्रवेश परीक्षा के जरिए बीएड में प्रवेश हो रहे हैं,तभी से सीटें
खाली रह रहीं हैं। प्रवेश नहीं होने से कई कॉलेज बंद हो चुके हैं,कई बंद
होने के कगार पर हैं। इसीलिए प्रवेश प्रक्रिया सरल करने उच्च शिक्षा मंत्री
से मिले थे। कॉलेज स्तर पर सीटें भरने का एक मौका हमें मिलना चाहिए।
उन्होंने भरोसा दिलाया है कि हमारी समस्या का हल निकालेंगे।
अजय सिंह, कोषाध्यक्ष,अशासकीय महाविद्यालय कल्याण समिति