नरसिंहपुर। जिले के
संविदा शिक्षकों का तीन साल बाद भी संविलियन नहीं हो पाया है। संविदा
शिक्षकों को शासन के नियमानुसार तीन साल में सहायक अध्यापक,वरिष्ठ अध्यापक
के पदों पर संविलियन होना चाहिए लेकिन जिला शिक्षा विभाग ने निर्धारित
समय-सीमा बीतने के बाद भी संविदा शिक्षकों का संविलियन नहीं किया है। इससे
संविदा शिक्षकों में निराशा व्याप्त है।
जिले में साल 2013 के जुलाई माह में संविदा शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इसके बाद नियमानुसार इनको साल 2016 जून माह में सहायक अध्यापक के पद पर संविलियन होना था लेकिन निर्धारित समय से चार माह ज्यादा बीतने के बाद भी संविदा शिक्षक संविलियन की राह ताक रहे हैं। प्रदेश शासन ने एक जनवरी से 2016 से छठवां वेतनमान अध्यापकों को देने की घोषणा कर दी है। ऐसे में संविदा शिक्षक इस लाभ से वंचित रह गए हैं। अब उनका अध्यापक संवर्ग में संविलियन और एरियर्स मिलने की लंबी प्रक्रिया चलेगी। एरियर्स मिलने के दौरान भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलने की बात कही जा रही है। संविलियन में जितना विलंब होगा, संविदा शिक्षकों को उतना ही नई पेंशन स्कीम में सरकार की तरफ से मिलने वाले दस प्रतिशत अंशदान का नुकसान होगा।
शासन के नियमानुसार संविदा शिक्षकों के संविलियन में तीन साल पूरा होने के तीन माह पहले ही कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और यह संकुल,ब्लॉक,जिला पंचायत तक पहुंच जाती है लेकिन यह इस प्रक्रिया में विलंब होने से संविलियन समय पर नहीं हो पाया। संविदा शिक्षक जिला शिक्षा विभाग से इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें छठवें वेतनमान आदि का लाभ मिल सके।
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जिले में साल 2013 के जुलाई माह में संविदा शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इसके बाद नियमानुसार इनको साल 2016 जून माह में सहायक अध्यापक के पद पर संविलियन होना था लेकिन निर्धारित समय से चार माह ज्यादा बीतने के बाद भी संविदा शिक्षक संविलियन की राह ताक रहे हैं। प्रदेश शासन ने एक जनवरी से 2016 से छठवां वेतनमान अध्यापकों को देने की घोषणा कर दी है। ऐसे में संविदा शिक्षक इस लाभ से वंचित रह गए हैं। अब उनका अध्यापक संवर्ग में संविलियन और एरियर्स मिलने की लंबी प्रक्रिया चलेगी। एरियर्स मिलने के दौरान भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलने की बात कही जा रही है। संविलियन में जितना विलंब होगा, संविदा शिक्षकों को उतना ही नई पेंशन स्कीम में सरकार की तरफ से मिलने वाले दस प्रतिशत अंशदान का नुकसान होगा।
शासन के नियमानुसार संविदा शिक्षकों के संविलियन में तीन साल पूरा होने के तीन माह पहले ही कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और यह संकुल,ब्लॉक,जिला पंचायत तक पहुंच जाती है लेकिन यह इस प्रक्रिया में विलंब होने से संविलियन समय पर नहीं हो पाया। संविदा शिक्षक जिला शिक्षा विभाग से इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें छठवें वेतनमान आदि का लाभ मिल सके।
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